खूंटी। जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल रानीफॉल को सुंदर स्वरूप देने और जल संरक्षण के उद्देश्य से कोटना ग्राम सभा के लोगों ने रानीफॉल के बीचोबीच बहने वाली तजना नदी पर दो बोरीबांधों को निर्माण किया। इन बोरीबांधों का निर्माण जनशक्ति से जलशक्ति अभियान के तहत मुंडाओं की मदईत परंपरा के तहत किया गया। रानीफॉल के बीचोबीच तजना नदी पर बोरीबांध बनने के बाद नदी ने जलाशय का रूप ले लिया है। नदी में पांच से आठ फीट तक पानी जमा हो गया है। यह फॉल अब झरने के साथ जलाशय का भी रूप ले लिया है।
कोटना गांव निवासी कुदा पंचायत के उप प्रमुख सुतुगन पूर्ति ने कहा कि बोरीबांध बनाने के दो उद्देश्य हैं। पहला यह कि रानीफॉल में आने वाले सैलानियों को पर्याप्त पानी मिल सके। दूसरा यह है कि इस वर्ष बरसात के मौसम के खत्म होते ही पानी का बरसना बंद हो गया। इससे यह आशंका बन रही है कि इस वर्ष गर्मी के दिनों में तजना नदी का पानी सूख सकता है। ऐसे में नदी के पानी को रोकना जरूरी है।
उपमुखिया के अनुसार बोरीबांध बनने के बाद गर्मी के दिनों में भी नदी में रहेगा। इससे कोटना और बाड़ी गांव के लोगों को नहाने धोने और मवेशियों को पानी पिलाने में सुविधा होगी। किसानों खेती करना चाहें, तो उन्हें भी पर्याप्त पानी मिल सकेगा।
बोरीबांध निर्माण में श्रमदान करने वालों में प्रसन्न पौलुस पूर्ति, दुलारी पूर्ति, पौलुस पूर्ति, जुलियानी पूर्ति, एमंती पूर्ति, बोआस पूर्ति, हारून पूर्ति, सुतुगन पूर्ति, याकुब पूर्ति, सालन भेंगरा, उदय पूर्ति, सुनील पूर्ति, इमलुस पूर्ति, सामुएल पूर्ति, जयमसीह पूर्ति, पीटर पूर्ति, पतरस पूर्ति समेत संपूर्ण ग्रामसभा के लोग शामिल थे।