भाजपा विधायक ने उठाया जमीन की अवैध जमाबंदी और अनियमितता का मामला

झारखंड
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  • राजस्‍व सचिव को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की

रांची। झारखंड विधानसभा के मुख्य सचेतक (विरोधी दल) सह बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव को पत्र भेजा है। इसमें राजधानी रांची सहित झारखंड के विभिन्न जिलों में भूमि की अवैध जमाबंदी और अनियमितताओं से संबंधित मामलों पर कार्रवाई करने की मांग की है।

व‍िधायक ने अपने पत्र में रांची के 22 अंचलों के अंतर्गत 35 हजार एकड़ से अधिक भूमि की अवैध जमाबंदी और इससे संबंधित 17488 आवेदन लंबित होने का उल्लेख किया है। राजधानी रांची सहित झारखंड के विभिन्न जिलों में भूमि के अवैध जमाबंदी और अनियमितताओं पर कार्रवाई करने की मांग की है।

विधायक ने पत्र में लिखा है कि सूचना के मुताबिक राजधानी रांची के ही 22 अंचलों में 35,131.63 एकड़ जमीन की अवैध जमाबंदी की गई है। इन अंचलों में 17,488 आवेदन अवैध जमाबंदी से संबंधित अब तक लंबित पड़े हुए हैं।

श्री नारायण ने कहा है कि ऐसी भी सूचनाएं प्राप्त हो रही है कि गैरमजरूआ जमीन के फर्जी दस्तावेज और लैंड रिकॉर्ड में बदलाव कर इस प्रकार की अवैध जमाबंदी संपादित की जा रही है। राज्य में भू-माफिया एवं अफसरों का गंठजोड़ इतना हावी हो गया है कि वे लोग अपनी पहुंच एनआईसी तक बना चुके हैं। अब ऑनलाइन जमीन के रिकॉर्ड से भी छेड़छाड़ कर रहे हैं।

कुछ मामलों में यह भी सूचना मिल रही है कि रजिस्ट्री ऑफिस के पदाधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण आदिवासी, गैरमजरूआ, खास महल, कैसरे हिंद, वन विभाग की जमीन के साथ-साथ तालाब, नदी-नालों की जमीन की रजिस्ट्री भी आसानी से हो जा रही है। इसके बाद खरीददार अंचल कार्यालयों से भी मिलीभगत कर इसका म्यूटेशन तक करा ले रहे हैं, जो कि काफी गंभीर और जांच का विषय है।

व‍िधायक ने कहा है कि प्रकाशित सूचना के अनुसार अवैध जमाबंदी के मामले सिल्ली अंचल में सबसे अधिक अर्थात 2834 हैं। 57 मामले बड़गांई अंचल के हैं। ऐसी ही सूचना देवघर, गिरिडीह, हजारीबाग, सिमडेगा, धनबाद इत्यादि के संबंध में आए दिन मीडिया में लगातार प्रकाशित हो रही हैं।

अभी वन विभाग की जमीन से लेकर नदी-नालों, भूईंहरी, पहनाईत, सीएनटी लैंड की भी अवैध ढंग से खरीद-फरोख्त के कई मामले सामने आए हैं। इसमें एक ही जमीन की रजिस्ट्री कई लोगों के नाम कर दी गई है। साथ ही यह भी पता चला है कि कई परिवारों के बीच जमीन का कानूनी बंटवारा नहीं होने के कारण भी जमीन का कोई भी हिस्सेदार किसी भी भूखंड को बेच दे रहा है, जिससे लोगों के मध्य नित्य वाद-विवाद बढ़ते जा रहे हैं।

विधायक ने कहा है कि रांची के रातु अंचल के मुरचू मौजा स्थित जमींदार लालमन साहु की 450 एकड़ भूमि की भू-माफियाओं और अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर अवैध जमाबंदी के मामले में शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंची है। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा राज्य सरकार को उक्त अवैध जमाबंदी के विरूद्ध कार्रवाई करने का निर्देश भी प्राप्त हुआ है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई की जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।

हाल के दिनों में रांची के कांके अंचल के संबंध में कई बड़ी-बड़ी भूमि अनियमितताओं के मामले प्रमुखता से प्रकाशित हुए हैं, जिसके अंतर्गत आवेदन करने के एक दिन के अंदर ही उक्त भूमि का म्यूटेशन मुंबई के क्रेता के नाम से कर दिया जाना अर्थात् जिस दिन आवेदन हुआ उसी दिन संबंधित राजस्व कर्मचारी ने स्थल निरीक्षण करके प्रतिवेदन भी दे दिया। आपत्ति के लिए अन्य स्थानीय रैयतों से नोटिस का तामिला भी प्राप्त हो गया। अंचल निरीक्षक ने भी सभी मामलों की जांच करते हुए प्रतिवेदन दे दिया। अंचलाधिकारी ने भी उक्त सभी तथ्यों से संतुष्ट होते हुए उसी दिन म्यूटेशन करके शुद्धि पत्र निर्गत कर दिया?, लेकिन ऐसी तत्परता अन्य लंबित म्यूटेशन के मामलों में कभी-भी प्रदर्शित नहीं हुई और उसके बाद जुमार नदी की भूमि का अतिक्रमण का मामला भी प्रकाश में आया है।

विधायक ने कहा है कि झारखंड में भूमि विवाद इतना अधिक बढ़ गया है कि प्रतिदिन इसके विवाद के कारण हत्याएं हो रही है। राज्य में भू-माफिया दिन-प्रतिदिन सक्र‍िय होते जा रहे हैं, जिससे राज्य की विधि-व्यवस्था पूर्ण रूप से चौपट होती जा रही है।

विधायक ने कहा है कि जनहित में उक्त तथ्यों की स्वतंत्र जांच कराकर भूमि अनियमितता और अवैध जमाबंदी से जुड़े मामलों पर यथाशीघ्र ठोस कार्रवाई करते हुए सभी अवैध जमाबंदी को रद्द कराने की कार्रवाई की जाय। संलिप्त दोषी पदाधिकारी-कर्मचारियों के विरूद्ध समुचित कार्रवाई की जाय।