शराब बिक्री में पारदर्शिता रहे, दुकानों पर रेट चार्ट डिस्प्ले अनिवार्य करें : हेमंत सोरेन

झारखंड मुख्य समाचार
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  • नकली शराब कारोबारियों पर कड़ी कार्रवाई करें
  • विभाग में रिक्त पदों पर नियुक्ति कार्य प्रारंभ करें
  • देसी शराब की बिक्री के लिए खुलेगा Outstill Shops

रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में नकली शराब बनाकर बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई करें। अवैध रूप से बनाए गए शराब के सेवन से होने वाले संभावित खतरों से लोगों को बचाना सबकी जिम्मेवारी है। मुख्यमंत्री ने विभागीय पदाधिकारियों से कहा कि जिन-जिन जिलों में नकली शराब बनायी जाती है, वहां साप्ताहिक निरीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करें। जिस क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार अथवा नकली शराब बनाने की सूचना मिले, वहां प्रशासन छापामारी करे। वे 17 दिसंबर को झारखंड मंत्रालय में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे।

राजस्व संग्रहण में वृद्धि की कार्य योजना बनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग राजस्व संग्रहण के प्रमुख विभागों में से एक है। विभाग आवश्यकता का आकलन करते हुए रिक्त पदों पर नियुक्ति का कार्य प्रारंभ करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व संग्रहण में कमी नहीं हो, इसके लिए आवश्यक है कि विभाग रिक्त पदों की नियुक्तियां करे। राजस्व संग्रहण अधिक से अधिक हो। इसके लिए विभाग बेहतर कार्य योजना तैयार करे।

शिकायत दर्ज करने के लिए टोल फ्री नंबर जारी करे

श्री सोरेन ने निर्देशित किया कि विभाग एक टोल फ्री नंबर जारी करे, जिसमें अवैध शराब एवं सरकार द्वारा निर्धारित कीमतों में हेरफेर करने वाले माफिया और दुकानदारों की शिकायत आम जन कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि  लोगों की जानकारी के लिए दुकान के बाहर रेट लिस्ट डिस्प्ले अवश्य हो। एक्साइज कंट्रोल रूम को सशक्त बनाएं। आम जनता की शिकायत मिलने पर विभाग तत्काल शिकायतों की जांच कर कार्रवाई सुनिश्चित करें।

एसटी/एससी को भी शराब दुकान का लाइसेंस दें

मुख्यमंत्री ने कहा कि वाइन शॉप चलाने के इच्छुक और लाइसेंस लेने में सक्षम एसटी/एससी समुदाय के वैसे लोगों को लाइसेंस निर्गत करें। मुख्यमंत्री ने विभागीय पदाधिकारियों से कहा कि नियमावली में संशोधन करते हुए एसटी/एससी समुदाय के लिए भी कुछ शराब दुकानें आरक्षित किए जाने की  योजना तैयार करें।

होमगार्ड जवानों का सेवा ले विभाग

श्री सोरेन ने उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग में उत्पाद सिपाहियों की कमी को देखते हुए कहा कि विभाग उत्पाद सिपाही की कमी को पूरा करने के लिए होमगार्ड जवानों की भी सेवा ले सकती है।

नवंबर तक 1025 करोड़ का राजस्‍व

विभागीय सचिव विनय कुमार चौबे ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि कोविड-19 के कारण माह नवंबर 2020 तक राजस्व संग्रहण 1025 करोड़ रुपये हुआ। राजस्व संग्रहण में ह्रास का मुख्य कारण कोविड-19 महामारी को लेकर सभी खुदरा उत्पाद दुकाने 22 मार्च 2020 से लेकर 19 मई 2020 तक बंद रही। विभागीय सचिव ने जानकारी दी कि राज्य को प्राप्त होने वाले राजस्व का 90 से 95% मुख्यतः खुदरा उत्पाद दुकानों के संचालन से प्राप्त होता है।

वर्तमान एवं नई कार्य योजनाओं की जानकारी दी

विभागीय सचिव ने मुख्यमंत्री के समक्ष प्रजेंटेशन के माध्यम से उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की वर्तमान स्थिति और नई कार्य योजनाओं जानकारी रखी। नई कार्य योजनाओं के संबंध में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में उत्पाद रसायन प्रयोगशाला प्रारंभ किया जाना है। इसके लिए ई-निविदा आमंत्रित की जा चुकी है। अवैध विदेशी शराब को रोकने के लिए 70 से 80 रुपए तक के रेंज में विदेशी शराब इंट्रोड्यूस करने के लिए एक्साइज ड्यूटी में कमी का प्रस्ताव लाया जा रहा है।

झारखंड में सभी डिस्टीलरीज/ब्रीवरी और बॉटलिंग लाईसेंस इकाइयों में विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मास फॉलोमीटर, रडार लेवल ट्रांसमीटर एवं सेंसर बेस्ड बोतल काउंटर आदि का अधिष्ठापन 1 अप्रैल 2021 से अनिवार्य कर दिया जाएगा। महुआ से बनी देसी शराब की बिक्री के लिए उड़ीसा की तरह Outstill Shops की व्यवस्था करना है, इससे महुआ से बने शराब कारोबारियों को रोजगार प्राप्त हो सकेगा। राज्य को राजस्व भी प्राप्त होगा।

बैठक में विकास आयुक्त केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, उत्पाद एवं मध निषेध विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे, संयुक्त सचिव वीरेंद्र कुमार सिंह, संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र कुमार सिंह सहित विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।