
रांची। झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा आयोजित की जाने वाली सातवीं संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण के नियम का पालन कराने की मांग अभ्यर्थियों ने की है। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ज्ञापन सौंपा है। इस मुद्दे पर कार्मिक और जेपीएससी से स्पष्टीकरण लेने कर समस्या के निराकरण के लिए त्वरित कार्रवाई करने की मांग की है।
अभ्यर्थियों ने ज्ञापन में लिखा है कि जेपीएससी द्वारा आयोजित संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा, 2021 में आरक्षण का पालन पूर्व में आयोजित एक से चौथी संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा की तर्ज पर की जाए। जिसमें प्रारंभिक चरण से ही आरक्षण का प्रावधान देय था। पांचवी जेपीएससी से प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया। छठी जेपीएससी में भी इसे लागू रखा गया था, जिससे प्रारंभिक परीक्षा के परीक्षाफल प्रकाशन में अनेक तरह की त्रुटियां आ गई थी।
अभ्यर्थियों ने कहा है कि आरक्षित कोटे का कट ऑफ मार्क्स अनारक्षित कोटे से अधिक चला गया। फिर उस समय की तत्कालीन सरकार ने रिजल्ट 15 गुना से बढ़ाकर 18 गुना करने का निर्णय लिया। फिर 106 गुना तक रिजल्ट बढ़ा दिया। इस संबंध में झारखंड उच्च न्यायालय में अनेक केस दायर हैं।
अभ्यर्थियों ने आशंका जताई है कि आगामी होने वाली 7वीं असैनिक प्रतियोगिता परीक्षा में भी प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण की व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसा करना छठी जेपीएससी की गलती की पुनरावृति होगी। इससे एक बार फिर आरक्षित श्रेणी के प्रतिभावान छात्र प्रारंभिक परीक्षा में चयनित होने से वंचित हो जाएंगे। पुनः धरना, प्रदर्शन, कोर्ट कचहरी का दौर शुरू हो जाएगा।