- झारखंड कुरमी विकास परिषद का 46वां वार्षिक मिलन समारोह
रांची। दशकर्म में मांस, मछली खाने खिलाने का पूर्ण रूप से बंद हो। शादी विवाहों में भी यह बंद होने चाहिए। इससे फिजूलखर्ची पर प्रतिबंध लग जायेगा। यह प्रस्ताव झारखंड कुरमी विकास परिषद का 46वां वार्षिक मिलन समारोह में पारित किया गया। समारोह का आयोजन रांची के बूटी स्थित आरटीसी बीएड कॉलेज में शुक्रवार को हुआ। इसकी अध्यक्षता परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष रणधीर चौधरी ने की।
मुख्य अतिथि रांची के पूर्व सांसद सह कुरमी विकास परिषद के संरक्षक रामटहल चौधरी ने कहा कि समाज में फैली कुरीतियों को जड़ से उखाड़ने का संकल्प लेने की जरूरत है। उन्होंने नारी शिक्षा पर जोर दिया। दशकर्म में खस्सी भात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात कही। सामाजिक कार्यक्रमों में आर्थिक कटौती करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि परिषद के माध्यम से समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करने की जरूरत है। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने अति पिछड़े एवं पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए तमिलनाडु सरकार की तर्ज पर आरक्षण 35 से 50% करने का अनुशंसा की है। यह बिल्कुल जायज है।
विशिष्ट अतिथि जमशेदपुर के पूर्व सांसद झारखंड आंदोलनकारी शैलेंद्र महतो ने कहा झारखंड बनने के बाद हर सरकार ने कुरमी जाति को कुचलने का काम किया है। हमारा समाज अपनी भाषा एवं संस्कृति के लिए संघर्ष कर रहा है। इसके अलावा सभा को गोमिया विधायक लंबोदर महतो, पूर्व विधायक केशव महतो कमलेश, रोशन लाल चौधरी, ब्रजकिशोर गांधी, डॉ पारसनाथ महतो, डॉ रुद्रनाथ महतो, मनरखन महतो, संतोष महतो, डॉ धनेश्वर महतो, कुमेश्वर महतो, मनेश महतो, कारीनाथ महतो आदि ने संबोधित किया।
समारोह में केंद्रीय उपाध्यक्ष नेपाल महतो, कृष्णा महतो, पार्वती देवी, संजय कुमार पटेल, केंद्रीय महासचिव राजेंद्र महतो, केंद्रीय सचिव सुनील कुमार महतो, पनेश्वर महतो, संजय महतो, गोवर्धन महतो, केंद्रीय प्रवक्ता भुवनेश्वर महतो, केंद्रीय कोषाध्यक्ष विकास कुमार महतो उर्फ सुजीत, केंद्रीय सदस्य सुरेश प्रसाद महतो, कैलाश महतो, खीरोधर महतो, जितेंद्र महतो, ब्रजनाथ महतो, वीणा महतो सहित अन्य उपस्थित थे।
बैठक में सर्वसम्मति से ये प्रस्ताव पारित किए गए
दशकर्म में मांस मछली खाने खिलाने का पूर्ण रूप से बंद हो। हो सके तो शादी विवाहों में भी बंद होने चाहिए। इससे फिजूलखर्ची पर प्रतिबंध लग जायेगा।
समाज में पूर्ण रूप से शराब बंदी लागू होनी चाहिए।
महिला शिक्षा पर जोर देने का प्रस्ताव लिया गया।
निर्धन एवं गरीब छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करने का निर्णय लिया गया।
शीतकाल के बाद झारखंड कुरमी विकास परिषद द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला आयोजन करने का निर्णय लिया गया।
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा अति पिछड़े एवं पिछड़े वर्ग के लिए 35 से 50% आरक्षण की अनुशंसा तमिलनाडु सरकार की तर्ज पर की गई है। झारखंड कुरमी विकास परिषद के द्वारा समर्थन किया जाएगा।