अबतक 1045 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर पेश की है मानवता की मिसाल
रांंची। समाज की सेवा करनी हो, तो हर क्षेत्र खुला है। किसी की मृत्यु के बाद भी सेवा की जा सकती है। इस काम को कर दिखाया है झारखंड की राजधानी रांची के कुछ युवाओं ने। वे सरकारी अस्पताल रिम्स में लावारिस पड़ी लाशों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। इस दौरान सभी धर्मों की परंपरा को निभाते हैं। बीते छह साल में एक हजार से अधिक लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं। इसके लिए उन्होंने ‘मुक्ति’ नामक संस्था भी बनाई है। इन युवाओं ने रविवार को 24 लावारिस शवों का विधि विधान से जुमार नदी के तट पर अंतिम संस्कार किया।
संस्था के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने मुखाग्नि दी और अंतिम आरदास परमजीत सिंह टिनकु ने किया। संस्था ने अब तक 1045 शवों का अंतिम संस्कार किया है। मौके पर प्रवीण लोहिया, संदीप पपनेजा, अमित किशोर, सौरभ बथवाल, रवि अग्रवाल, सुदर्शन अग्रवाल, बलबीर जैन, राजेश विजयवर्गीय, कमल चौधरी, नीरज खेतान, परमजीत सिंह, आशीष भाटिया, संजू कुमार, हरीश नागपाल
सुनील अग्रवाल, मनीष जैन, सीताराम कौशिक, मनीष टाटिया, राजा गोयनका, आशुतोष अग्रवाल और रतन अग्रवाल आदि मौजूद रहे।