रांची । झारखंड में महिला और बेटियां सुरक्षित नहीं है। प्रति दिन पांच बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हो रही है। खूंटी में हुए नाबालिग आदिवासी बच्ची के साथ हुई दुष्कर्म की घटना ने राज्य को फिर से शर्मशार किया है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता मिस्फीका हसन ने कहा कि झारखंड में महिलाएं और बेटियां सुरक्षित नहीं है। प्राय: प्रतिदिन राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में आदिवासी, दलित महिला और बच्चियों के साथ हृदयविदारक, अमानवीय और बर्बरतापूर्वक साथ अत्याचार हो रहा है। बलात्कार हो रहा है। चार वर्ष की बच्चियों से लेकर आश्रम में साध्वी तक सुरक्षित नहीं है। संथाल परगना में मुख्यमंत्री के विधानसभा बरहेट और दुमका में नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म हत्या के साथ साथ गोड्डा, साहेबगंज, गिरिडीह, रामगढ़, गुमला में लगातार इस तरह की घटना होते रही।
सुश्री मिस्फीका ने कहा कि अभी 2 से 3 दिन पहले राजधानी से सटा हुआ खूंटी जिले में एक नाबालिग आदिवासी बहन के साथ 5 अपराधियों ने दुष्कर्म किया। इतनी बड़ी घटना में खूंटी जिला पुलिस प्रशासन की भूमिका पूरी तरह से ढुलमुल रही है। जब भाजपा की महिला नेत्रियों का दल खूंटी पीड़ित बच्ची से मिलने पहुंच कर जानकारी ली। बच्ची नाबालिग है। ऐसी परिस्थिति में बच्ची को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत करना होता है, किंतु बच्ची को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत ना कर घर भेज देना, उसके पूर्व 3 दिनों तक थाने में रखना, बार-बार बच्ची को मेडिकल के लिए ले जाना, उसे बिना सुरक्षा के सुदूरवर्ती गांव में छोड़ देना, बच्चे की काउंसलिंग ना कराना पुलिस की कार्यशैली पर संदेह उत्पन्न करता है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि हेमंत सरकार राज में अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। झारखंड पुलिस के आंकड़ों की माने तो जनवरी से सितंबर तक के बीच झारखंड में 1359 बच्चियों के साथ दरिंदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई है। यानी प्रति दिन पांच बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना हो रही है। इनमें सबसे ज्यादा आदिवासी, दलित बच्चियां हैवानियत की शिकार हो रही है। इसका सबसे ज्यादा कुप्रभाव आदिवासी, दलित, गरीब, पिछड़ों-वंचितों पर होता है। महिला सुरक्षा की ढिंग हांकने वाली हेमंत सरकार राज में बच्चियां सुरक्षित नहीं है।