- बीएयू बाबा साहेब का 64वां महा परिनिर्वाण दिवस मनाया गया
रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में रविवार को संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ भीम राव अंबेडकर का 64वां महापरिनिर्वाण दिवस मनाया गया। मौके पर कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह, पदाधिकारी, वैज्ञानिक एवं कर्मचारियों ने बाबा साहेब की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं पुष्प भेंट कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर कुलपति ने बाबा साहब को सामाजिक समता व समरसता का प्रणेता और आदर्श समाज का पक्षधर बताया। कहा कि उन्हों ने देश को मजबूत लोकतंत्र दिया। नागरिकों को अपनी बात बोलने का अवसर दिया। लोकतंत्र में उनकी गहरी आस्था थी। उनके द्वारा बनाये गए संविधान के मूल स्वरूप को कभी बदला नहीं जा सकता। उन्होंने शोषित, पीड़ित, दलित, महिला और मजदूरों को आत्मनिर्भरता, संगठन, संघर्ष तथा शिक्षा का पाठ पढ़ाया।
कुलपति ने कहा कि पैतृक संपत्ति में भारतीय महिलाओं को अधिकार दिलाने की दिशा में डॉ अंबेडकर के योगदान को देश कभी भुला नहीं सकेगा। उन्हीं के बनाये संविधान का पालन करते हुए भारत एक मजबूत प्रजातांत्रिक देश के रूप में उभरा है। उनके बताये मार्ग पर चलकर ही देश एक महाशक्ति के रूप में विकसित हो सकता है।
मौके पर डीन एग्रीकल्चर डॉ एमएस यादव ने डॉ अंबेडकर को देश में व्याप्त बिखराव को एक सूत्र में बांधने का मंत्र देने वाला महान विभूति बताया। डीन वेटनरी डॉ सुशील प्रसाद ने उन्हें भारत के सर्वांगींण विकास को बढ़ावा देने वाला महानायक कहा। डीन पीजी डॉ एमके गुप्ता ने शिक्षा को उच्च प्राथमिकता देते हुए डॉ अंबेडकर द्वारा शिखर हासिल करने पर चर्चा की। मौके पर कुलसचिव डॉ नरेंद्र कुदादा, डॉ सोहन राम एवं डॉ पंकज सेठ ने राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान पर विचार रखें।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की पीएचडी छात्रा जेनी प्रिया एक्का ने समाज सुधारक के रूप में बाबा साहेब की जीवनी और प्रियंका कुमारी ने भारतीय संविधान एवं लोकतंत्र के निर्माण में बाबा साहेब की भूमिका पर व्याख्यान दिया।
कार्यक्रम का संचालन श्रीमती शशि सिंह ने किया। स्वागत डायरेक्टर एक्सटेंशन डॉ जगरनाथ उरांव और धन्यवाद एसोसिएट डीन प्रो डीके रूसिया ने किया. मौके पर डॉ अरुण प्रसाद, डॉ पीके सिंह, डॉ राकेश कुमार, डॉ कृष्णा प्रसाद, डॉ आरपी मांझी, डॉ बसंत चंद्र उरांव, डॉ बधनु उरांव सहित विश्वविद्यालय के पदाधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी और छात्र-छात्राएं भी मौजूद थे।