- व्यापक अनुकूलन के लिए फसल प्रजनन विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन
रांची। इंडियन सोसाइटी ऑफ जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग के रांची चैप्टर द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन रविवार को हुआ। इस संगोष्ठी में देश के करीब 200 पौधा प्रजनक वैज्ञानिकों ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।
इस संगोष्ठी में पौधा प्रजनन के पांच विषयों पर तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया। पीजीआर प्रबंधन एवं प्री–ब्रीडिंग विषयक सत्र की अध्यक्षता लुधियाना के डॉ एसएस बंगा ने की। इस सत्र में वैज्ञानिकों ने 35 शोध पत्र प्रस्तुत किया। फसल सुधार के नये मोर्च विषयक सत्र की अध्यक्षता सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ जीपी सिंह ने की। इस सत्र में वैज्ञानिकों ने 29 शोध पत्र प्रस्तुत किये।
लचीला जलवायु प्रबंधन के साथ गुणवत्ता में वृद्धि विषयक सत्र में डायरेक्टर रिसर्च डॉ ए वदूद की अध्यक्षता में वैज्ञानिकों ने 22 शोध पत्रों को पेश किये। फसल सुधार के लिए मॉलिक्यूलर ब्रीडिंग विषय के सत्र की अध्यक्षता बीएचयू के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ बीडी सिंह ने की। इस सत्र में 20 शोध पत्रों को प्रस्तुत किया गया। पारंपरिक ज्ञान, प्रजनकों एवं किसान का अधिकार विषयक सत्र की अध्यक्षता डॉ मनिगोपा चक्रवर्ती ने की। इस सत्र में 6 शोध पत्रों को प्रस्तुत किया गया। संगोष्ठी में डॉ अनुराधा अग्रवाल, डॉ संजय जे जम्भुलकर, डॉ मनिगोपा चक्रवर्ती, डॉ सीमा सिन्हा डॉ एनके सिंह एवं डॉ पीके सिंह द्वारा लीड रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया गया।
समापन सत्र की अध्यक्षता बीएयू के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने की। डॉ सिंह ने कहा कि इस संगोष्ठी में प्रस्तुत शोध से देश में बदलते मौसम के अनुरूप सहिष्णु फसल किस्मों के विकास को बढ़ावा मिलेगा। प्राकृतिक आपदा से निबटने के लिए वैकल्पिक फसल प्रभेद और फसल उत्पादन में बढ़ोतरी की चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी। मौके पर बीएचयू के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ बीडी सिंह ने संगोष्ठी की अनुशंसाओं को रखा। धन्यवाद आयोजन सचिव डॉ जेडए हैदर ने किया।