देवघर। तकनीक बढ़ने के साथ हीं साइबर क्राइम भी तेजी से पैर पसार रहा है। वर्तमान में अक्सर किसी का एटीएम कोड पूछकर ऑनलाइन खरीदी कर ली जाती है, तो कभी किसी के ई-मेल, सोशल वेबसाइट का पासवर्ड हैककर परेशान किया जाता है। पिछले कुछ समय से ऑनलाइन फ्रॉड का ग्राफ लगातार तेजी से बढ़ा है, जिससे पढ़े-लिखे लोग भी ऑनलाइन ठगी का शिकार हो जा रहे हैं।
नजदीकी थाना को दे सूचना
ऐसे में आवश्यक है कि आप सावधान रहें। कोई व्यक्ति स्वयं को बैंक का प्रबंधक या कर्मी बताकर आपके खाता एवं एटीएम लॉक होने, अपडेट कराने आदि की बात बोलकर आपके खाते से संबंधित गुप्त जानकारी (आपका खाता संख्या, एटीएम कार्ड संख्या, पिन संख्या, सीबीसी संख्या, ओटीपी, आधार संख्या या पैन संख्या) मांगता है, तो ऐसे व्यक्तियों को अपने बैंक खाता से संबंधित उपरोक्त विवरणी की जानकारी नहीं दें। इस प्रकार के फोन करने वाले व्यक्ति का मोबाईल नंबर आदि की जानकारी अपने क्षेत्र के नजदीकी थाना अथवा 100 डायल कर पुलिस को अवश्य दें, ताकि वे सूचना प्राप्त कर इस पर त्वरित कार्रवाई कर सकें।
बैंक नहीं मांगता जानकारी
बैंक द्वारा कभी भी फोन कर उपरोक्त जानकारी नहीं पूछी जाती है। साइबर अपराध से बचने का मूलमंत्र जागरुकता है। जैसे हम असली दुनिया में खुद की सुरक्षा का ध्यान रखते हैं, ठीक उसी तरह वर्चुअल वर्ल्ड (काल्पनिक दुनिया) में भी खुद को सुरक्षित रखने के लिए सावधानी जरूरी है। कई बार लोग अनजाने में साइबर क्राइम कर बैठते हैं या इसका शिकार हो जाते हैं। अगर हम इसके प्रति जागरूक होंगे, तो ना इससे हमें, ना ही समाज को कोई नुकसान होगा। वर्तमान में सबसे महत्वपूर्ण है कि साइबर अपराध से स्वयं भी बचें। अपने दोस्तों व रिश्तेदारों को भी इसकी जानकारी देकर फ्रॉड से उन्हें बचाएं।
सावधानी ही सुरक्षा है
इस प्रकार के कॉल आने पर फौरन पुलिस से संपर्क कर इसकी सूचना 100 डयल कर दें।
अपना बैंक एकाउंट नंबर, पासवर्ड आदि किसी को नहीं बताएं।
अपने इंटरनेट बैंकिंग और बैंकिग ट्रांजिक्शन का इस्तेमाल कभी भी सार्वजनिक स्थान जैसे कि साइबर कैफे, पार्क, सार्वजनिक मीटिंग और किसी भीड़-भाड़ वाले स्थान पर नहीं करें।
अपना एटीएम का पिन कोड लिख कर नहीं रखें और ना हीं किसी को ओटीपी बताएं।
फर्जी कॉल से बचें।
किसी प्रकार के प्रलोभन वाले कॉल से बचे एवं बिना जांच-परख के किसी को भी अपने बैंक खाता से संबंधित किसी प्रकार की जानकारी नहीं बताएं।