- दिव्यांग और शेष दुनिया के बीच की दूरी को पाटने में अहम भूमिका निभाई
जमशेदपुर । दिव्यांगों के लिए टाटा स्टील फाउंडेशन सबल बन रहा है। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में स्थित नोआमुंडी का ‘सबल सेंटर’ 5000 से अधिक दिव्यांगों के जीवन को बदलने में उत्प्रेरक का काम किया है। टाटा स्टील फाउंडेशन और इनेबल इंडिया के एक संयुक्त उद्यम के रूप में स्थापित ’अ सेंटर फॉर एबिलिटीज : सबल’ दिव्यांगों और शेष दुनिया के बीच की दूरी को पाटने में अहम भूमिका निभाई है।
दिसंबर 2017 में अपनी स्थापना के बाद से दिव्यांगों को तैयार करने और उन्हें रोजगारोन्मुख बनाने के लिए ‘सबल’ ने कई कौशल विकास प्रशिक्षण और कार्यशालाएं आयोजित की है। अब तक सेंटर ने ट्रेनर्स प्रोग्राम के लिए प्रशिक्षण, विकलांगता जागरूकता कार्यशाला, डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम, कैरियर जागरुकता कार्यशाला, कंप्यूटर फाउंडेशन कोर्स आदि जैसे पाठ्यक्रम आयोजित एवं संचालित किए हैं।
इनके अलावा सेंटर ने कई अन्य पहल की हैं। इनमें पारिस्थितिकी तंत्रों को विकसित करने के लिए जागरुकता कार्यशालाओं का आयोजन, नियोक्ता राउंड टेबल, जीवन की दैनिक गतिविधियों का आयोजन, विभिन्न क्षेत्रों में अनुकरणीय कार्य करने वाले दिव्यांगों और व्यक्तियों/एनजीओ के लिए सम्मान कार्यक्रम, अभिभावकों के लिए कार्यशाला का आयोजन, लायंस क्लब के साथ कृत्रिम अंगों का वितरण, पूर्वी भारत की विभिन्न संस्थाओं व व्यक्तियों के साथ जोड़ने के लिए एनजीओ कार्यशाला का आयोजन तथा मौजूदा सरकारी योजनाओं, जैसे पेंशन स्कीम से दिव्यांगों को जोड़ने की पहल आदि शामिल है।
हाल ही में ‘सबल’ द्वारा दृष्टिबाधितों के लिए आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले ‘एसबीआई’, तामिलनाडु के मैनेजर जयचंद्रन टी ने बताया कि मैंने व्यवसाय के लिए गूगल एप्लीकेशनों के उपयोग पर ‘सबल’ द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से बहुत कुछ सीखा है। अब नौकरी में अपनी प्रोडक्टीविटी को और बेहतर करने के लिए ऐसे कई एप्लकेशन का प्रयोग मेरे लिए काफी सहज एवं आसान हो गया है। मुझे इस तरह के और प्रशिक्षणों में शामिल होने में खुशी होगी।
सेंटर ने अपने यहां 165 दिव्यांगों को सीधे प्रशिक्षण दिया है। कॉर्पोरेट्स में काम करने वाले 85 से अधिक पेशेवरों के लिए डिसबिलिटी इमरसन प्रोग्राम आयोजित किया गया है। दृष्टिहीनता वाले व्यक्तियों के लिए कंप्यूटर में फाउंडेशन कोर्स, एम्प्लॉयबिलिटी फाउंडेशन कोर्स और एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम, कॉर्पोरेट जॉब्स के लिए दिव्यांगों को तैयार करने के उद्देश्य से सेंटर द्वारा संचालित कुछ प्रमुख कोर्स हैं।
दिव्यांगों को जीवन के हर क्षेत्र में एक समान अवसर प्रदान करना ‘सबल’ के मुख्य उद्देश्यों में से एक है। एक प्रमुख सफलता के रूप में दो उम्मीदवार- उषा कुमारी और धर्मेंद्र कुमार ने पिछले साल आयोजित एम्प्लॉयबिलिटी फाउंडेशन ट्रेनिंग के बाद अमेजन में स्टेशन सपोर्ट एसोसिएट्स के रूप में नौकरी पायी है। अब तक सबल सेंटर में 3000 से अधिक दिव्यांगों को पंजीकृत किया गया है, जिनमें से 2000 नोआमुंडी और जगन्नाथपुर से हैं।