सिमडेगा, चतरा और खूंटी जिला मुख्यालय को रेल नेटवर्क से जोड़ने का सुझाव

झारखंड
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  • राज्य के अति महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं के निर्माण में होने वाले खर्च में केंद्र और राज्य सरकार की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी
  • राज्य में क्रिटिकल कनेक्टिवटी, कैपासिटी इनहांसमेंट और सामाजिक आर्थिक विकास के लिहाज से जरूरी रेल परियोजनाओं के लिए बनाया जाएगा ज्वाइंट वेंचर

रांची । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में भविष्य में रेल परियोजनाओं के निर्माण और उनपर होनेवाले खर्च पर सुझाव देने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति के प्रतिवेदन को मंजूरी दे दी है। इसमें अति महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं को केंद्र और राज्य सरकार 50-50 प्रतिशत शेयरिंग खर्च के आधार पर  निर्माण के लिए लेगी। राज्य के वैसे जिला मुख्यालयों, जहां अभी तक रेले कनेक्टिवटी नहीं है, उसे रेलवे नेटवर्क से कनेक्ट करने,  महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं को ज्वाइंट वेंचर के तौर पर पर शुरू करने और राज्य के अंदर की रेल परियोजनाओं की पहचान, योजना और उसके विकास में जेआरआईडीसीएल के द्वारा एंकर रोल निभाने के संदर्भ में समिति ने प्रतिवेदन में विस्तृत सुझाव दिए हैं।

50-50 प्रतिशत शेयरिंग खर्च वाली रेल परियोजाएं

विकास आय़ुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा समर्पित प्रतिवेदन में कहा गया है कि वैसी रेल परियोजनाएं जो राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, उसके निर्माण में होने वाले खर्च में  केंद्र और राज्य सरकार की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। ऐसी रेल परियोजनाओं के निर्माण में होने वाले खर्च में राज्य सरकार की हिस्सेदारी बढ़ती है तो इसे  रेलवे अथवा ज्वाइंट वेंचर के जरिए बनाया जाएगा।

जिला मुख्यालयों को रेल से जोड़ने का सुझाव

राज्य के सिमडेगा, चतरा और खूंटी समेत वैसे जिला मुख्यालय जो रेलवे कनेक्टिवि‍टी से नहीं जुड़े हैं, उसे रेल नेटवर्क से जोड़ने को लेकर भी समिति के प्रतिवेदन में सुझाव दिए गए हैं। इसके साथ राज्य के दूरस्थ इलाकों में रेल कनेक्टिविटी के लिए ली जाने वाली योजनाओं में राज्य सरकार की हिस्सेदारी कम होगी, लेकिन ऐसे दूरस्थ इलाकों की पहचान में जेआरआईडीसीएल  भूमिका निभाएगा।

परियोजनाओं का निर्माण ज्वाइंट वेंचर मॉडल पर

वैसी रेल परियोजनाएं जो फाइनांसियली लाभदायक नहीं है, पर राज्य में क्रिटिकल कनेक्टिवि‍टी, कैपासिटी इनहांसमेंट और सामाजिक आर्थिक विकास के लिहाज से जरूरी है, को ज्वाइंट वेंचर के डेब्ट इक्विटी कॉन्सेप्ट पर लिया जाएगा। ऐसी रेल परियोजनाओं के खर्च को लेकर राशि वाह्य श्रोतों- प्राइवेट/ गवर्नेंट स्टेकहोल्डर्स और लोन के जरिए जुटाई जाएगी।

जेआरआईडीसीएल एंकर रोल की भूमिका में होगा

राज्य की जरूरतों को देखते हुए रेल परियोजनाओं की पहचान, योजना बनाने और उसके विकास में राज्य की ज्वाइंट वेंचर-जेआरआईडीसीएल ( राज्य  सरकार और रेल मंत्रालय) एंकर रोल निभाएगा। ऐसी रेल परियोजनाओं के लिए बनाए जाने वाले ज्वाइंट वेंचर में राज्य सरकार औऱ रेलवे मंत्रालय की हिस्सेदारी 51-49 के अनुपात में होगी। इन रेल परियोजनाओं का वित्त वहन डेब्ट इक्विटी के आधार पर होगा।

समिति में कौन–कौन सदस्य हैं

विकास आय़ुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति में योजना एवं वित्त विभाग के सचिव, राजस्व, निबंधन और भूमि सुधार विभाग के सचिव, पथ निर्माण विभाग के सचिव और परिवहन विभाग के सचिव सदस्य हैं। इस समिति ने झारखंड के लिहाज से महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं, राज्य में रेल कनेक्टिवटी बढ़ाने और उसपर होनेवाले खर्चे को लेकर अपने सुझाव को प्रतिवेदन के रूप में राज्य सरकार को सौंपा है।