रांची । इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के सचिव डॉ शंभू प्रसाद सिंह से रंगदारी मांगने को पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप ने गलत बताया। उसने रंगदारी मांगने का खंडन किया है। उसके मुताबिक यह किसी चोर गिरोह का काम है।
सुप्रीमो ने लिखा है कि डॉ शंभू प्रसाद सिंह से संगठन द्वारा कोई लेवी नहीं मांगी गई है। संगठन में भगत नाम का कोई व्यक्ति नहीं है। संगठन रंगदारी मांगने के मामले का खंडन करता है। यह कोई चोर गिरोह होगा। संगठन ऐसा घिनौना काम नहीं करता है।
क्या है मामला
जानकारी हो कि डॉ शंभू प्रसाद सिंह से पीएलएफआई के नाम पर 20 लाख की रंगदारी मांगी गई थी। पर्चा व्हाट्सएप पर भेजा गया था। वॉइस कॉल कर भी रंगदारी की मांग की गई थी। पैसा नहीं देने पर हत्या कर देने की धमकी दी गई थी। रंगदारी 24 घंटे के अंदर देने को कहा गया था।
इस संबंध में डॉ शंभू प्रसाद सिंह बताया था कि 17 नवंबर की शाम 6.46 पर उनके मोबाइल पर पीले रंग के पर्चा में लिखा एक व्हाट्सएप मैसेज आया। इसपर सुप्रीमो दिनेश गोप पीएलएफआई एरिया कमांडर भगत जी का नाम लिखा है। इसके माध्यम से 20 लाख रुपए की रंगदारी मांगी गई है। नहीं देने पर हत्या कर देने की धमकी दी गई है। इसके बाद 6.51 पर मोबाइल संख्या 7019148 258 से एसएमएस भी भेजा गया। पुनः 18 नवंबर को भी इसी मोबाइल नंबर से वॉइस कॉल कर अपने आप को पीएलएफआई का एरिया कमांडर भगत जी बताते हुए पुनः रंगदारी की मांग की गई।
चिकित्सक ने जब फोन काट दिया, तब उनकी पत्नी डॉ कुमारी आभा के मोबाइल संख्या पर भी फोन कर पुनः रंगदारी की मांग की गई। पैसा नहीं देने पर हत्या की धमकी दी गई है। चिकित्सक ने अज्ञात व्यक्ति द्वारा भेजे गए 20 लाख की रंगदारी नहीं देने पर हत्या कर देने की धमकी को लेकर कांके थाना में प्राथमिकी दर्जकर कार्रवाई करने आग्रह किया है।