थोड़ी सी मेहनत से इको फ्रेंडली बनेगी दीवाली

विचार / फीचर
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शैली खत्री

दीवाली के साथ अक्सर पर्यावरण की चिंता का मुद्दा जुड़ा होता है। कभी पटाखों के धुएं के कारण तो कभी मोमबत्ती, पटाखों के रैपर के कारण दीवाली पर पर्यावरण को गंदा करने का आरोप लगता रहता है। इन्हीं कारणों से कोर्ट ने तेज पटाखों पर रोक लगाई है। थोडी सी सावधानी और अपने त्योहार मनाने के तरीके में थोड़ा बदलाव कर हम दीवाली पूरे हर्षोंल्लास के साथ मना सकते हैं। साथ ही, इससे पर्यावरण को नुकसान भी नहीं होगा।

आइए जानते हैं कैसे-

दीये को दें प्राथमिकता

दीपावली शब्द ही बना है दीये से तो दीपावली में दीये को प्राथमिकता दें। मिट्‌टी के दीये, बिना के केमिकल वाले रंग के दीये। रंग बिरंगे दीये लुभाते तो हैं, पर मिट्टी के लाल दीये भी बहुत खूबसूरत लगते हैं। बस नजरिए की बात है। कुम्हार सादे दीये के साथ ही गेउर से रंगे लाल दिये भी रखते हैं, जो सामान्य दीये से थोड़े अधिक लाल होते हैं। आप इन्हें भी ले सकते हैं। गणेश लक्ष्मी की प्रतिमा भी मिट्टी के ही लें। बिना केमिकल वाले रंगों के हो, यह सुनिश्चित करें।

इको फ्रेंडली रंगोली

दीपावली पर रंगोली तो सभी बनाते हैं। रंगों को भी इको फ्रेंडली बनाए। फूलों की रंगोली बनाए, चावल के घोल से सफेद रंगोली बनाएं। रंगोली पाउडर से ही रंगोली बनाना चाहते हो तो चमकीले कलर वाले पाउडर नहीं खरीदें। सामान्य कलर वाली रंगोली पाउडर आसानी से मिलते हैं। यह ना तो आपके हाथ या कपड़ों को कोई नुकसान पहुंचाते हैं। ना ही पर्यावण को। अगर घर पर रंगोली पाउडर बनाना चाहते हैं तो यह भी आसान है। बालू लें और उसे छलनी से छान लें। मनचाहे फुड कलर में डूबोकर सुखा दें। हो गये तैयार।

प्लास्टिक से बनाएं दूरी

प्लास्टिक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली चीजों में से एक है। दीवाली की सजावट और खरीदारी में प्लास्टिक का उपयोग नहीं करें या कम से कम करें। झालर, लड़िया आदि प्लास्टिक वाले नहीं हों। प्लास्टिक के स्टिकर, फूल आदि से भी परहेज करें। ये सभी सामान प्राकृतिक रूप से उपलब्ध हैं। दीवाली के मार्केट में आसानी से मिल जाते हैं। इसलिए स्टिकर की जगह रंगोली बनाए। ताजे फूल ही सजावट के काम में लें।

डस्टबीन हो आसपास

अगर आप पटाखें छोड़ ही रहे हो तो तेज आवाज और अधिक रोशनी वाले पटाखों से बचें। अधिक मात्रा में पटाखें नहीं छोड़े। चाहे आप कितने भी धनवान हों। मैदान, सड़क के किनारे या छत पर जहां भी आप पटाखें छोड़े, आसपास डस्टबीन जरूर रखें। सारे रैपर और पटाखें के अवशेष वहीं जमा करें। यह सारा कचरा अलग से फेंके। इनके साथ कोई भी खाने-पीने की चीज नहीं रखें, वर्ना जानवर इन्हें भी खा सकते हैं।