मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर मुख्‍य निर्वाचन पदाधिकारी ने बुलाई बैठक, भाजपा को छोड़ कोई पार्टी नहीं हुई शामिल

झारखंड
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  • नव मतदाता जोड़ो अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्‍सा लेगी भाजपा

रांची । भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर पूरे देश (बिहार, हरियाणा, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर और लद्दाख को छोड़कर) में मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम होना है। इसमें नाम जोड़ने, सुधारने, हटाने का एक बृहद प्रोग्राम तैयार किया गया है। इसे लेकर शुक्रवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में भाजपा को छोड़ कोई राजनीति दल के प्रतिनिधि शामिल नहीं हुए।

इस बैठक में शामिल होने के लिए राज्य के सभी मान्यता प्राप्त 11 राष्ट्रीय/राज्य के राजनीतिक दलों को कई बार चुनाव आयोग ने पत्र भेजा था। यह बैठक शक्रवार को 11 बजे दिन में होनी थी। मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम-2021 के आलोक में यह बैठक होनी थी।

भाजपा के चुनाव आयोग संपर्क विभाग के प्रदेश सह संयोजक सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार 16 नवंबर से 15 दिसंबर 2020 तक मतदाता सूची में नया मतदाता का नाम जोड़ने का काम शुरू होगा। इस दौरान मतदाता सूची में सुधार, बदलाव या नाम हटाने का काम भी होगा।

इसके अलावा 28, 29 नवंबर और 5, 6 दिसंबर को राज्य के हर बूथ पर बीएलओ मौजूद रहेंगे। कोई भी व्यक्ति जो 1 जनवरी 2021 को 18 वर्ष पूरा कर रहें हों या वैसे भी लोग जिनका मतदाता सूची में नाम दर्ज नहीं, वे नजदीकी बूथ में जाकर बीएलओ को आवेदन दें। आवेदन ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीके दिये जा सकते हैं। इसके लिए nvsp.in, voter help line या सीईओ झारखंड की वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भरना होगा।

गौरतलब है कि 1 जनवरी, 2018 को 18 वर्ष पूरे होने वाले नए मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में जोड़ने के बाद यह कार्यक्रम 2019 में चुनाव के चलते नहीं हुआ था। अब दो साल बाद यह व्यापक कार्यक्रम हो रहा है। 16 नवंबर से 15 दिसम्बर तक चलने वाले इस कार्यक्रम के बाद 15 जनवरी, 2021 को अंतिम रूप से मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।

श्री श्रीवास्तव ने कहा कि भाजपा को छोड़कर सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव के समय मतदाताओं का केवल वोट लेने के लिए प्रयासरत रहती है। आम जनता में खासकर ग्रामीण क्षेत्र के मतदाता या हमारे युवा वर्ग का नाम मतदाता सूची में कैसे जुड़े, इसकी चिंता नहीं करती। भारतीय जनता पार्टी अपने राज्य में रहने वालों, खासकर ग्रामीण और युवा वर्ग का नाम मतदाता सूची में कैसे जुड़े इसके लिए चिंता करती है। व्यपाक कार्यक्रम भी चलाती है।