ईंट-भट्टे पर सो रहे पांच मजदूरों की दर्दनाक मौत, ये वजह आयी सामने

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छत्तीसगढ़। दुखद और बड़ी खबर छत्‍तीसगढ़ के महासमुंद जिले से आयी है। यहां ईंट-भट्टे पर सो रहे पांच मजदूरों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि धुएं में दम घुटने से पांच मजदूरों की जान चली गई। इस हादसे में एक मजदूर अस्पताल में भर्ती है, जहां उसका उपचार किया जा रहा है। सभी मजदूरों के शव को पोस्‍टमार्टम के लिए भेजा गया है। एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे ने घटना की पुष्टि की है।

यह घटना महासमुंद के गढ़फुलझर गांव की है। खबरों के अनुसार ईट-भट्ठे में आग लगाने के बाद सभी मजदूर वहीं सोए थे। अचानक आग सुलगने और उसके धुएं से मजदूरों का दम घुटने लगा और मौत हो गई। पुलिस मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

बताया गया है कि माटीकला बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष चंद्रशेखर पांड़े के स्वजन ईंट का कारोबार करते हैं। यह भट्ठा उनके अनुज कुंज बिहारी का बताया जा रहा है। बताया गया है कि कुंजबिहारी ने श्रमिकों से ईंट बनवाकर उसे पकाने के लिए ठेका पर दिया था। ये ठेका श्रमिक थे। इन श्रमिकों गंगा राम बिसी (55), दशरथ बिसी (30), सोना चंद भोई (40), वरुण बरिहा (24), जनक राम बरिहा (35) और मनोहर बिसी (30) काम कर रहे थे।

यहां बता दें कि ईट-भट्ठे पर सो रहे मजदूरों की दम घुटने से मौत की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले 13 फरवरी 2023 को बलरामपुर जिले के ग्राम पंचायत कोटपाली के आश्रित ग्राम खजूरी में दुखद हादसा हुआ था। यहां छोटे ईंट-भट्ठे में आग लगाकर उसी के ऊपर सो रहे तीन मजदूरों की मौत हो गई थी।

यहां यह भी बता दें कि दम घुटना एक ऐसी स्थिति है, जिसमें मरीज सांस नहीं ले पाता। यह अक्सर हवा की कमी या गले में कुछ फंस जाने के कारण होता है। आशंका जताई जा रही है कि ईंट-भट्टे पर सोने वाले मजदूरों के साथ ऐसा ही कुछ होगा, क्योंकि भट्टी अंदर से जल रही थी। जिससे ऊपर धुआं निकल रहा था। धुआं ज्यादा होने के कारण वे सांस नहीं ले पाए और उनकी मौत हो गई। फिलहाल पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।