पटना। राजद सुप्रीमो लालू यादव और उनके लोगों की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। बता दें कि लैंड फॉर जॉब मामले में लालू यादव के परिवार और करीबियों के पास से करीब एक करोड़ रुपये नकद बेहिसाब मिला है, जबकि करीब 600 करोड़ के लेन-देन के अवैध कारोबार का पता चला है।
शनिवार को समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि छापे में 600 करोड़ रुपये के लेन-देन का खुलासा हुआ है, जबकि एक करोड़ बेहिसाब नकद जब्त की गयी है। ईडी के हवाले से यह भी दावा किया गया है कि लालू प्रसाद के परिवार की ओर से रियल एस्टेट और अन्य क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश का पता चला है। इसकी जांच चल रही है।
शुक्रवार को राजद के पूर्व विधायक अबू दोजाना के अलावा तेजस्वी प्रसाद यादव, रागिनी यादव, हेमा यादव, चंदा यादव, अमित कत्याल, नवदीप सरदाना, प्रवीण जैन और अजय कुमार के यहां छापेमारी की गयी थी। जांच एजेंसी ने पटना, दिल्ली, रांची, मुंबई, यूपी व हरियाणा में ईडी ने एक साथ करीब 25 ठिकानों पर छापेमारी की थी। बताया जा रहा है कि इस छापेमारी में लालू यादव की बेटियों और तेजस्वी यादव के घर पर 70 लाख कैश, दो किलो सोना और 1900 डॉलर मिले। बरामद सोने में डेढ़ किलो जेवर और 540 ग्राम सोने का सिक्का है।
ईडी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि छापेमारी में लगभग 600 करोड़ रुपये की आपराधिक आय का पता चला है। अब तक की जांच में पता चला है कि 600 करोड़ की संपत्ति गलत तरीके से अर्जित की गयी। इनमें से 350 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति मिली है। वहीं, बेनामी लोगों के नाम पर 250 करोड़ रुपये के लेन-देन किये गये हैं।
ईडी ने कहा है कि अब तक की गई जांच से पता चला है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार द्वारा रेलवे में नौकरी दिलाने के एवज में पटना और अन्य क्षेत्रों में प्रमुख स्थानों पर कई जमीनों की अवैध रूप से रजिस्ट्री करायी गयी। इन जमीन का वर्तमान बाजार मूल्य 200 करोड़ रूपये से ज्यादा है। ईडी ने इन जमीनों की रजिस्ट्री के लिए खड़े किये गये कई बेनामी लोगों, फर्जी संस्थाओं और दूसरे लोगों की पहचान की है।