रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) अधीन संचालित निदेशालय प्रसार शिक्षा द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के लिए संस्था, हस्तक्षेप और प्रौद्योगिकी का अभिसरण विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ बुधवार को हुआ। विवि परिसर स्थित कृषक भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान एवं वैज्ञानिक और बीएयू अधीनस्थ विभिन्न महाविद्यालयों के सहायक प्राध्यापक सहित कुल 45 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
कार्यक्रम का उद्घाटन निदेशक प्रसार शिक्षा एवं कोर्स को-ऑर्डिनेटर डॉ जगरनाथ उरांव ने किया। डॉ उरांव ने कहा कि कृषि विकास में राज्य एवं केंद्र सरकार, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) नई दिल्ली, राज्य कृषि विश्वविद्यालय एवं स्वयं सेवी संस्थान (एनजीओ) सीधे किसानों से जुड़े है। उन्होंने कहा कि कृषि तकनीकी हस्तक्षेप और प्रौद्योगिकी प्रसार के लिए सबों का ध्यान केवीके संस्थानों पर केन्द्रित है।
केवीके वैज्ञानिक निरंतर किसानों के बीच तकनीकी हंस्तांतरण पहुंचाने के लिए तत्पर रहते हैं। किसानों को अद्यतन एवं उपयुक्त तकनीकी के हस्तक्षेप और प्रौद्योगिकी के अभिसरण से किसानों की उपयुक्त मांग और उनकी आवश्यकताओं की अधिकतम पूर्ति की जा सकती है, ताकि स्थानीय स्तर पर कृषि विकास को विराम नहीं लगे और कृषि तकनीकी हस्तक्षेप एवं प्रौद्योगिकी प्रसार के अभिसरण से कृषि विकास को गतिशील बनाये रखते हुए अधिकाधिक किसान लाभान्वित हों।
मौके पर अपर निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ केएस रिसम ने कहा कि कृषि विकास में किसान के हितों को सर्वोपरि रखने की जरूरत है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) के माध्यम से पूरे देश में केवीके वैज्ञानिकों के समक्ष कृषि प्रसार क्षेत्र में बेहतर संभावना मौजूद है। उन्होंने कहा कि नवीनतम कृषि प्रौद्योगिकी के अभिसरण से किसानों को कम लागत में, सही समय पर आसानी से बेहतर लाभ का अवसर मिलेगा।
मौके पर डॉ केएस रिसम ने अभिसरण की अवधारणा, सिद्धांत, आवश्यकता एवं लाभ, सामुदायिक विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ रेखा सिन्हा ने मिलेट आधारित मूल्य उत्पादों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर, आईएआरआई, हजारीबाग के विशेष कार्य पदाधिकारी डॉ विशाल नाथ ने उच्च घनत्व बाग प्रबंधन और पुरानी बाग प्रौद्योगिकी का नवीनीकरण और दिव्ययान केवीके, रांची के प्रधान डॉ अजित कुमार सिंह ने हाइड्रोपोनिक खेती के सिद्धांत और वर्त्तमान परिदृश्य में उनका महत्त्व के बारे में बताया।
स्वागत भाषण एवं संचालन केवीके, चतरा के प्रभारी डॉ रंजय कुमार सिंह ने किया. मौके पर डॉ ललित दास, डॉ संजय कुमार, डॉ राजीव कुमार, डॉ एसपी कुमार, निर्मल कुमार, अनंत नलय टोप्पो एवं राजेश कुमार सिंह भी मौजूद थे।