- मांगें पूरी नहीं होने पर 17 दिसंबर से सीएम आवास के समक्ष अनिश्चितकालीन अनशन
रांची। झारखंड के सरकारी शिक्षक 19 नवंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास का घेराव करेंगे। इसके बाद भी मांगें पूरी नहीं होने पर सीएम आवास के समक्ष अनिश्चितकालीन अनशन करेंगे। यह निर्णय 15 अक्टूबर को हुई अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया।
शिक्षकों ने आक्रोश जताया
प्रदेश अध्यक्ष बृजेंद्र चौबे की अध्यक्षता में रांची के कचहरी स्थित शिक्षा परिसर के बीआरसी भवन में कार्यकारिणी की बैठक हुई। बैठक में राज्य के सभी जिलों से आए शिक्षक प्रतिनिधियों ने सरकार और शिक्षा विभाग के पक्षपातपूर्ण रवैए पर आक्रोश व्यक्त किया।
आंदोलन करने को मजबूर
संघ के प्रदेश अध्यक्ष बृजेंद्र चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर और मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि विगत दिनों चार सूत्री मांगों का ज्ञापन सभी जिलों के माध्यम से मुख्यमंत्री को समर्पित किया गया था। हालांकि सरकार के स्तर से अब तक इसपर यथोचित पहल नहीं की गई है। इस कारण शिक्षक आंदोलन करने को मजबूर हैं।
सिर्फ शिक्षकों को वंचित
वक्ताओं ने कहा कि राज्य के सभी कर्मियों को सुनिश्चित वृति उन्नयन योजना (MACP) का लाभ दिया जाता है। सिर्फ शिक्षकों को इससे वंचित रखा गया है। पड़ोसी राज्य बिहार ने अपने शिक्षकों को इसकी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
छठे वेतनमान में वेतन निर्धारण की विसंगति को सचिवालय कर्मियों के लिए दूर कर दिया गया है। शिक्षकों को अब तक छठे वेतनमान की विसंगति का दंश झेलना पड़ रहा है।
अपने गृह जिले से सुदूर जिलों में पदस्थापित लगभग 7 हजार शिक्षकों को उनके गृह जिले में पदस्थापित होने का अवसर अब तक प्रदान नहीं किया गया है। वर्ष, 2020 में शिक्षा मंत्री द्वारा शिक्षकों को अंतर जिला स्थानांतरण के माध्यम से उनके गृह जिले में पदस्थापित करने का आश्वासन दिया गया था।
शिक्षक अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए मजबूर है। अत्याधिक लिपिकीय एवं गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त कर पठन पाठन व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग बैठक में छायी रही।
चरणबद्ध आंदोलन तय
सरकार के पक्षपात पूर्ण रवैए से आक्रोशित अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने राज्यस्तरीय चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की। लिए गए निर्णय के अनुसार 4 और 5 नवंबर को प्रदेश के सभी प्राथमिक और मध्य विद्यालय के शिक्षक काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे। 7 से 12 नवंबर के बीच राज्य के सभी जनप्रतिनिधियों को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा जाएगा। 19 नवंबर को हजारों की संख्या में शिक्षक मुख्यमंत्री आवास के समक्ष धरना सह प्रदर्शन करेंगे। सरकार द्वारा फिर भी बातें नहीं सुने जाने पर 17 दिसंबर से अनिश्चितकालीन अनशन किया जाएगा।
बैठक में ये भी थे मौजूद
विजेंद्र चौबे, राममूर्ति ठाकुर, नसीम अहमद, संतोष कुमार, अनूप केसरी, दीपक दत्ता, बाल्मीकि कुमार, हरे कृष्ण चौधरी, प्रभात कुमार, राकेश कुमार, अजय कुमार, अजय कुमार ज्ञानी, सलीम सहाय, कृष्णा शर्मा, हरीश कुमार, रामचंद्र खेरवार, संजय कुमार, रमेश प्रसाद, संजय कांडुलना, शंभू कुमार, सुधीर दुबे, प्रवीण कुमार, उपेंद्र कुमार, सरोज कुमार, सुरेंद्र कुमार।
ये हैं मुख्य मांगें
शिक्षकों के लिए सुनिश्चित वृति उन्नयन योजना लागू की जाए
शिक्षकों के छठे वेतनमान की विसंगतियों का निराकरण सचिवालय कर्मियों की भांति किया जाए
अंतर जिला स्थानांतरण नियमावली में आवश्यक संशोधन कर इसे सरल बनाया जाए
शिक्षकों को लिपिकीय और गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाए