CG : कृमि से बचाव के लिए 84 लाख बच्चों को दी जाएगी एल्बेंडाजोल गोली

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हेमंत वर्मा

राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के तहत आयोजित होने वाले कार्यक्रम की सफलता को लेकर जिले में तैयारियां शुरू कर दी गई है। कृमि मुक्ति दिवस 9 सितंबर को और 14 सितंबर को एल्बेंडाजोल खाने से वंचित बच्चों के लिए मॉप-अप दिवस मनाया जाएगा। इस वर्ष राज्य के 24 जिलों के 84.27 लाख बच्चों एवं किशोर-किशोरियों (1 से 19 वर्ष) को कृमि से बचाव के लिए एल्बेंडाजोल की गोली खिलाने का लक्ष्य रखा गया है।

भेजे जा चुके हैं दिशा-निर्देश

सितंबर में चलने वाले कार्यक्रम के लिए राज्य से प्राप्त गाइडलाइन के अनुसार जिले के समस्त विकासखंड को दिशा-निर्देश भी भेजे जा चुके हैं। इस वर्ष बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों एवं शासकीय विद्यालयों, शासकीय अनुदान प्राप्त शालाओं, केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालय, मदरसों, निजी स्कूलों, अनुदान प्राप्त निजी स्कूलों, महाविद्यालयों व तकनीकी शिक्षा संस्थानों में कृमिनाशक दवा दी जाएगी। एक से 2 वर्ष तक के बच्चों को आधी गोली (200 एमजी) चूर्ण बनाकर पानी के साथ, 2 से 3 वर्ष तक के बच्चों को 1 गोली पूरी तरह से चूर्ण बनाकर पानी के साथ तथा 4 वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को एक पूरी गोली (400 एमजी) चबाकर के पानी के साथ सेवन कराया जाएगा।

बच्चे और बड़ों के लिए सुरक्षित

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मिथिलेश चौधरी ने बताया कि कृमि से बचाव के लिए 9 सितंबर को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा तथा छूटे हुए बच्चों के लिए 14 सितंबर को मॉप-अप राउंड के तहत कृमि से बचाव की गोली खिलाई जाएगी। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के 1 वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को कृमि से मुक्ति दिलाने के लिए एल्बेंडाजोल की गोली का सेवन कराया जाएगा। एल्बेंडाजोल की गोली बच्चे और बड़ों के लिए सुरक्षित है। दवा खाने के उपरांत यदि कोई प्रतिकूल प्रभाव हो तो प्रबंधन के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं उप स्वास्थ्य केंद्रों पर उपचार की व्यवस्था भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा  रहेगी। कृमि मुक्ति दिवस पर बीमार बच्चों या पहले से कोई अन्य दवाई ले रहे बच्चों को एलबेंडाजोल की गोली नहीं दी जाएगी।

कोविड के निर्देशों का पालन

डॉ चौधरी ने बताया कि भारत सरकार के निर्देशानुसार साल में 2 बार कृमि मुक्ति कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इसमें स्वास्थ्य विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग की भागीदारी होती है। कार्यक्रम के दौरान कोविड-19 से संबंधित जारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा। जिन घरों में कोविड-19 के सक्रिय केस होंगे, वहां स्थिति सामान्य होने के उपरांत दवा दी जाएगी। एल्बेंडाजोल की गोली खिलाने के दौरान  सोशल डिस्टेंसिंग, मॉस्क, सेनिटाइजर का प्रयोग किया जाएगा।

गोली बच्चों को देना आवश्यक

कृषि संक्रमण चक्र की रोकथाम के लिए यह गोली बच्चों को देना आवश्यक है। कृमि बच्चों के स्वास्थ्य शिक्षा और संपूर्ण विकास को लंबे समय तक नुकसान पहुंचा सकते हैं। कृमिनाशक की गोली से बच्चों के संपूर्ण शारीरिक मानसिक विकास में मदद मिलती है, इसलिए कृमि नाशक गोली खिलाना आवश्यक है।

इन 24 जिलों में होगा कार्यक्रम

रायपुर, राजनांदगांव, कबीरधाम, मुंगेली, धमतरी, बस्तर, बीजापुर, सुकमा, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कांकेर, बलौदाबाजार, बलरामपुर, बिलासपुर, गरियाबंद, गौरेला-पेंड्रा-मारवाही, जशपुर, कोरबा, कोरिया, महासमुंद, रायगढ़, सूरजपुर और सरगुजा।