पटना। ज्ञान भवन, पटना में भाजपा के संयुक्त मोर्चों की राष्ट्रीय कार्यसमिति के दूसरे और अंतिम दिन समापन सत्र को केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी 2024 में पहले से अधिक लोकसभा सीटों पर चुनाव जीत कर केंद्र में सरकार बनायेगी।
उन्होंने इसके लिए पार्टी के सभी मोर्चा पदाधिकारियों को अभी से ही बूथ स्तर पर जुट जाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा बिहार में न सिर्फ 2024 का लोकसभा चुनाव, बल्कि 2025 का विधानसभा का चुनाव भी गठबंधन के साथ मिल कर लड़ेगी।
अमित शाह के हवाले से ब्रीफिंग करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सह सांसद अरुण सिंह ने पत्रकारों के सवाल पर कहा कि बिहार एनडीए में कोई मतभेद नहीं है। भाजपा गठबंधन धर्म का पालन करना जानती है और अपने साथियों को सदैव सम्मान देती है। हम सब एक साथ आपस में मिल कर चुनाव लड़ेंगे। समापन सत्र को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी संबोधित किया।
कार्यसमिति के समपान समारोह को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि आदिवासी, दलित और पिछड़ा समुदाय भाजपा के एजेंडे में सर्वोपरि है। पार्टी और सरकार गांव, गरीब, किसान, दलित व शोषितों के लिए लगातार काम कर रही है।
नरेंद्र मोदी की सरकार में ही यह संभव हुआ कि पहली बार कोई आदिवासी महिला राष्ट्रपति के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंची। उससे पहले दलित समुदाय से आने वाले रामनाथ कोविंद पांच साल राष्ट्रपति रहे। उन्होंने बताया कि अब तक की केंद्र सरकारों के मुकाबले पहली बार मोदी कैबिनेट में आदिवासी, दलित और पिछड़ा समुदाय तथा ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले लोग अधिक मंत्री बने हैं।
भाजपा के संयुक्त मोर्चों ने दो राजनीतिक प्रस्ताव पास किया। इनमें पहला नरेंद्र मोदी सरकार में दलितों- पिछड़ों के हो रहा सम्मान को जन-जन तक पहुंचाना और दूसरा आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हर घर तिरंगा फहराना। पदाधिकारियों ने संकल्प लिया कि 13 से 15 अगस्त तक हर घर में तिरंगा फहराने का अभियान चलायेंगे।
उससे पहले 9 से 12 अगस्त तक देशभक्ति और हर्षोल्लास का वातावरण तैयार होगा। इस अवधि में कार्यकर्ता व आम जनता देश के स्वतंत्रता सेनानियों को भी याद करेंगे।
पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री ने बताया कि बैठक में तय हुआ कि 15 अगस्त तक सभी मोर्चों की कार्यसमिति गठित कर ली जायेगी। इसके बाद सितंबर तक जिला कार्य समितियों का गठन पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि तेलंगाना के बाद बिहार में प्रवास कार्यक्रम काफी सफल रहा। क्षेत्र में प्रवास करने वाले 381 पदाधिकारियों ने 2064 विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये करीब 3.52 लाख लोगों से संवाद किया। उनसे फीडबैक लेने के साथ ही उन तक सरकार की बात पहुंचायी।