उत्तर प्रदेश। यूपी का ‘बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे’ महज 8 माह में बनकर तैयार हो गया है। पीएम मोदी आज 16 जुलाई को इसका लोकार्पण करेंगे।
पीएम मोदी बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण करने के साथ ही एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। रिकॉर्ड समय और अनुमानित लागत से कम खर्च में बने इस एक्सप्रेस-वे से न सिर्फ बुंदेलखंड के लोगों को देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंचने में सहूलियत होगी, बल्कि औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी.
आइए जानें इस एक्सप्रेस-वे की 10 खास बातें…
- बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के बन जाने से चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर और जालौन के लोगों के लिए दिल्ली का सफर आसान हो जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे पर 250 से ज्यादा छोटे पुल, 15 से ज्यादा फ्लाईओवर, 6 टोल प्लाजा और 12 से ज्यादा बड़े पुल और 4 रेल पुल बनाए गए हैं। 24 घंटे पुलिस पेट्रोलिंग और एंबुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
- बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की लंबाई 296 किलोमीटर है। चार लेन चौड़े बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ अतिरिक्त जमीन भी है, जिससे भविष्य में अगर गाड़ियों की आवाजाही बढ़े, तो इसको चौड़ा कर 6 लेन तक बढ़ाया जा सके।
- अभी तक चित्रकूट से दिल्ली पहुंचने में लगभग 700 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी। इसमें करीब 12 से 14 घंटे का समय लगता था। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे बन जाने के बाद ये दूरी सिर्फ 630 किलोमीटर ही रह जाएगी और समय भी बचेगा।
- दावा किया जा रहा है कि सफर की दूरी घटने से एक्सप्रेस-वे के रास्ते चित्रकूट से दिल्ली तक का सफर केवल 6 घंटे में पूरा हो जाएगा।
- 296 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे पर लोगों की सहूलियत के लिए 4 जन सुविधा केंद्र बनाए गए हैं। इसके अलावा 4 पेट्रोल पंप भी बनाए जाएंगे।
- एक्सप्रेस-वे पर कोई पशु न आने पाएं, इसके लिए दोनों तरफ कंटीली तार का बाड़ लगाया गया है। एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ 7 लाख पेड़ पौधे भी लगाए जाएंगे। इसके बावजूद अगर कोई पशु कभी सड़क पर आ भी जाए तो कैटल कैचर व्हीकल की व्यवस्था की गई है जो उसे पकड़ने के काम आएगी।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी-2020 में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया था। इस परियोजना को फरवरी 2023 में पूरा होना था, लेकिन काम 8 महीने पहले ही पूरा हो गया।
- 6 हिस्सों में बने एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर 14,850 करोड़ रुपये का खर्च आया है।
- ये एक्सप्रेस-वे 8 नदियों बागेन, केन, श्यामा, चन्दावल, बिरमा, यमुना, बेतवा और सेंगर से होकर गुजरता है।
- बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे इस इलाके की कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे. बांदा और जालौन जिलों में इस एक्सप्रेस-वे के समीप औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है।