नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने के बाद अब आटा और उसके अन्य उत्पादों के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
इसमें मैदा, रवा, सूजी भी शामिल किए गए हैं। डीजीएफटी द्वारा जारी किए गए निर्देश के मुताबिक, निर्यात पर प्रतिबंध 12 जुलाई से प्रभावी होगा।
डीजीएफटी ने यह निर्देश 6 जुलाई को जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि किसी भी शिपमेंट को बाहर भेजने से पहले निर्यातकों को इंटरमिनिस्ट्रियल कमेटी से अनुमति लेनी पड़ेगी।
डीजीएफटी ने बताया कि वैश्विक स्तर पर गेहूं की सप्लाई में बाधा की वजह से कई नए एक्सपोर्टर भावों में उतार-चढ़ाव की स्थिति पैदा कर रहे हैं।
साथ ही, यह भी कहा जा रहा है कि गुणवत्तायुक्त सामग्री नहीं भेजी जा रही है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इसका उद्देश्य भारत से निर्यात की गुणवत्ता को बनाए रखना है।
गेहूं के आंटे के निर्यात को अभी फ्री रखा गया है, लेकिन शिपमेंट भेजने से पहले कमेटी से अनुमति लेना आवश्यक है।
इस संशोधित पॉलिसी के अमल में लाए जाने से पहले जो शिपमेंट लोड किए जा रहे थे और कस्टम्मस में रजिस्टर किए जा चुके थे, उन पर ये नियम लागू नहीं होंगे।
यहां बता दें कि मई 2022 में केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट पॉलिसी में संशोधन करते हुए गेहूं के निर्यात को प्रतिबंधित श्रेणी में कर दिया था।
सरकार ने कहा था कि यह देश में खाद्य सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया गया था। साथ ही अपने पड़ोसी देशों के हितों को भी ध्यान में रखकर ऐसा किया गया।