नई दिल्ली। कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों में कार्यरत कामगारों का वेतन समझौता लंबित है। इसे लेकर अब तक जेबीसीसीआई की पांच बैठक हो चुकी है। हालांकि अब तक बात किसी मुकाम पर नहीं पहुंची है। इस बात वेतन समझौते को लेकर कोयला मंत्रालय ने भी एक बात कही है।
कोयला मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि कोल इंडिया ने एनसीडब्ल्यूए- XI के तहत अब तक पांच बैठकें की हैं। इस कंपनी का उद्देश्य आपसी सहमति से अपने गैर-कार्यकारी कर्मियों के वेतन समझौते को जल्द से जल्द पूरा करना है।
मंत्रालय के मुताबिक कोल इंडिया यूनियनों के साथ सौहार्दपूर्ण और मित्रतापूर्ण संबंध बनाए रखता है। साथ ही, देश में कोयला क्षेत्र के महत्व को देखते हुए किसी भी तरह के मतभेद या हड़ताल से बचने का प्रयास करता है। इस संबंध में वार्ता चल रही है। आम तौर पर समझौते को पूरा करने में समय लगता है।
यह उल्लेख करना उचित है कि कोल इंडिया देश का पहला सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (सीपीएसयू) था, जिसने पिछले वेतन समझौतों को सफलतापूर्वक पूरा किया था। इस परंपरा को कायम रखते हुए कोल इंडिया को उम्मीद है कि इस बार भी जल्दी से वेतन समझौते पर मुहर लग जाएगी। वहीं, इसके आगे यह भी कहा गया है कि उपरोक्त कथन के विपरीत कोई भी रिपोर्ट तथ्यात्मक रूप से गलत और एकतरफा है।