- यूनियन ने 47 फीसदी बढ़ोतरी की मांग की
हैदराबाद। कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल की अध्यक्षता में जेबीसीसीआई की बैठक 1 जुलाई को हुई। सर्वप्रथम कोल इंडिया प्रबंधन की ओर से यूनियन की ओर से दिए गए मांग पत्र पर बिंदुवार अपनी प्रतिक्रिया दी गई। ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधियों ने प्रबंधन से पूछा कि न्यूनतम बढ़ोतरी 3 प्रतिशत से आगे क्या ऑफर है? प्रबंधन ने कहा कि पिछली बैठक में यूनियन के प्रतिनिधियों ने कहा था कि अगली बैठक में अपनी प्रतिक्रिया देंगे। आज यूनियन की बारी है, अपनी प्रतिक्रिया दें।
यूनियन ने 47 फीसदी बढ़ोतरी की मांग की। प्रबंधन ने इस मांग से असहमति जताई। प्रबंधन ने यह भी कहा कि किसी भी परिस्थिति में पिछले समझौते के बराबर या उससे ज्यादा नहीं दे सकते। चैयरमैन ने यह भी कहा कि मैं दो अंक के प्रतिशत में भी न्यूनतम गारंटी लाभ नहीं दे सकते। काफी समय तक दोनों और से तर्क-वितर्क चलता रहा।
यूनियन की ओर से प्रबंधन को कहा गया कि दसवें वेतन समझौता में दिए गए एमजीबी से उपर बात शुरू करें। प्रबंधन ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में 20%+7% = 27% नहीं दे सकते। इस बात के साथ ही चैयरमैन उठ गये एवं जाने लगे। पुनः बैठ गये और कहा कि अगली बैठक में प्रबंधन का अगला प्रस्ताव बताएंगे। अगली बैठक कोलकाता में होगी। तिथि की घोषणा नहीं हुई। मुश्किल से बैठक 1.30 घंटे चली।
बैठक में कोल इंडिया बैठक में कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल के अलावे कोल इंडिया के निदेशक कार्मिक विनय रंजन, सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद, एसईसीएल के सीएमडी पीएस मिश्रा, बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता, डब्ल्यूसीएल के सीएमडी मनोज कुमार, कोल इंडिया के निदेशक वित्त सुनील कुमार मेहता, एससीसीएल के निदेशक कार्मिक बलराम, एमसीएल के निदेशक कार्मिक केशव राव, कोल इंडिया के महाप्रबंधक (आईआर) एके चौधरी मौजूद थे।
यूनियन की ओर से बीएमएस के के लक्ष्मण, सुरेंद्र कुमार पांडे, एटक से रमेंद्र कुमार, आरसी सिंह, लखन लाल महतो, सीटू से डीडी रामानंदन, अरूप चटर्जी, एचएमएस से नाथू लाल पांडे, सिद्धार्थ गौतम, राघवन रघुनंदन, राजेश सिंह सहित कई अन्य मौजूद थे।
चर्चा के बाद यूनियन की संयुक्त बैठक हुई। इसमें केंद्रीय कोयला मंत्री को पत्र लिखकर प्रबंधन के नकारात्मक रवैये से अवगत कराकर उनके हस्तक्षेप की मांग करने का निर्णय हुआ। इस बीच कोयला कामगारों को आह्वान किया गया कि वे सभी खदान, क्षेत्र, कंपनियों में प्रबंधन के नकारात्मक रवैये के प्रति विरोध कार्रवाई करें।