मुंगेर। भ्रष्टाचार के आरोप में मुंगेर के डीआईजी को सस्पेंड कर दिया गया है। ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) की जांच के बाद राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया। डीआईजी शफीउल हक 25 नवंबर तक निलंबित रहेंगे। बिहार के गृह विभाग ने यह अधिसूचना जारी की है।
बताया गया है कि आईपीएस अधिकारी और मुंगेर रेंज के डीआईजी रहे शफीउल हक फिलहाल पोस्टिंग की प्रतीक्षा में थे। मुंगेर के डीआईजी तैनाती के दौरान उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। इसकी जांच ईओयू से कराई गई। ईओयू की रिपोर्ट के मुताबिक शफीउल हक सहायक अवर पुलिस निरीक्षक मो. उमरान और एक निजी व्यक्ति के माध्यम से मुंगेर रेंज के अधीन बड़ी संख्या में कनीय पुलिस अधिकारियों एवं कर्मियों से अवैध राशि की उगाही कराते थे।
जांच में प्रथम दृष्टया यह प्रमाण पाया गया कि वसूली करने वाले मो. उमरान के गलत कार्यों की जानकारी होने के बावजूद डीआईजी ने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे साफ है कि पूरे घटनाक्रम में उनकी सहभागिता दिखती है। साथ ही उन्हें भ्रष्टाचार के पोषक के रूप में स्थापित करता है। डीआईजी शफीउल हक के संदिग्ध आचरण और इन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए अनुशासनिक प्राधिकार की ओर से उनके खिलाफ विस्तृत जांच के लिए विभागीय कार्रवाई चलाने का भी निर्णय लिया गया है।
इन आरोपों के मद्देनजर राज्य सरकार ने शफीउल हक को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय आईजी पटना के कार्यालय में होगा।