प्रशांत अंबष्ठ
बोकारो। रामधन चौधरी के 41 वर्षीय पुत्र साजन चौधरी का शव महाराष्ट्र के बलसाड ठाणे से बोकारो जिले के नावाडीह के खरपिटो गांव सोमवार को पहुंचा। उसे देखते ही घर में कोहराम मच गया। परिजनों के हृदय विदारक चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया। साजन चौधरी की दोनों विधवा पत्नी कुसुम देवी, नेमियां देवी का रोते रोते बुरा हाल हो चुका था। वे लगातार अचेत हो जा रही थीं। उसे आसपास की महिलाएं संभाल रही थी।
मृतक साजन चौधरी का शव जैसे ही घर पहुंचा, क्या बूढ़े, क्या नौजवान एकाएक उसके घर की तरफ दौड़ पड़े। मृतक साजन चौधरी की पुत्री लक्ष्मी कुमारी, पुत्र सुभाष चौधरी और छोटू कुमार चौधरी मृत पिता के शव को निहार-निहार बिलख रहे थे। मां फगूनी देवी अपने बेटे के गम में बिलख रही थी। उनकी आंखों के आंसु भी सूख गये। बताते चलें कि साजन चौधरी महाराष्ट्र के ठाणे में बीएनसी कंपनी में कार्यरत था। शनिवार को काम के दौरान टावर से गिरने से उसकी मौत हो गयी थी।
प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली ने कहा कि प्रवासी मजदूरों की मौत हो जाने की यह कोई पहली घटना नहीं है। झारखंड के नौजवानों को रोजी-रोटी कमाने के लिए देश-विदेश जाना पड़ता है। वहां उन्हें तरह-तरह की परेशानियों झेलनी पड़ती है। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार से निवेदन किया है कि इन मजदूरों की हितों की सुरक्षा का उपाय करें।