नई दिल्ली। सीएमपीडीआई और एमईसीएल में विलय को लेकर बवाल मचा हुआ है। श्रमिक संगठन भी इसके विरोध में उतर गये हैं। इस बीच कोयला मंत्रालय ने इस मामले में सफाई दी है। मंत्रालय ने कहा कि कंपनियों की मजबूती के लिए इसके विलय पर विचार हो रहा है। कोल इंडिया से सीएमपीडीआई अलग नहीं होगी।
कोयला मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सीएमपीडीआईएल कोल इंडिया (सीआईएल) की एक सहायक कंपनी है। यह मुख्य रूप से कोयला क्षेत्र को अन्वेषण और परामर्श सेवाएं प्रदान करती है। अन्य खनिजों में इसके व्यापार विस्तार की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इसके सुदृढ़ीकरण की योजना बनाई है। इसके लिए एमईसीएल का सीएमपीडीआईएल में विलय करने पर विचार किया जा रहा है।
एमईसीएल के पास गैर-कोयला खनिज अन्वेषण और परामर्श में डोमेन विशेषज्ञता है। इसलिए इस तरह के विलय और कोयला और गैर-कोयला क्षेत्र के लिए आवश्यक विशेषज्ञता के साथ एक एकीकृत अन्वेषण और परामर्श संगठन के निर्माण से विकास और मूल्यवर्धन होगा। वहीं, सीएमपीडीआईएल कोल इंडिया की सहायक कंपनी बनी रहेगी।