अदालत के निर्देश को दरकिनार कर भरे जा रहे तालाब

झारखंड
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  • जलस्‍तर जा रहा नीचे, पानी की हो रही समस्‍या

आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा। सर्वोच्‍च न्‍यायालय का निर्देश है कि तालाब, पोखर को किसी भी स्थिति खत्‍म नहीं किया जा सकता है। यह जल संचय के साधन हैं। हालांकि लोहरदगा में कई जगह अदालत के इस निर्देश को दरकिनार कर तालाब भरे जा रहे हैं। इससे जल संरक्षण का प्राकृतिक साधन खत्‍म हो रहे हैं। जलस्‍तर नीचे जा रहा है। पानी की समस्‍या दिन-ब-दिन विकराल होती जा रही है।

कूड़ा भर दिया गया

जानकारी के मुताबिक भूमि माफिया से मिलीभगत कर जमीन मालिक अपनी जमीन में पुरखो द्वारा खुदवाये गये तालाब को भरकर बेचने के जुगाड़ में लग गए हैं। यहां कई जगहों पर वर्षों पुराने तालाब थे। आज उसका अस्तित्‍व खत्‍म हो गया है। इनमें कूड़ा भर दिया गया था। बाद में उस जमीन को बेच दिया गया।

ऐसे भरा जाता है तालाब

कृषि बाजार के समीप भी एक पुराना तालाब है। इस तालाब को पहले कूड़ा कचरा को भर दिया गया। बाद में बाहर से मिट्टी लाकर इसमें डाल दिया गया। तालाब की मेढ़ की मिट्टी को जेसीबी लगाकर समतल किया जा रहा है। वर्तमान में तालाब का 90 प्रतिशत हिस्‍से को भर दिया गया है। शेष को भी भरने की तैयारी है।

उपायुक्‍त को भी जानकारी

मजेदार यह है कि तालाब भरे जाने की जानकारी नगर परिषद प्रशासन और उपायुक्त को भी है। इसके बाद भी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। कुछ समाजसेवी युवकों ने इस मामले में आवाज उठाई है।

पानी का लेयर नीचे जा रहा

युवाओं का कहना है कि जलस्रोत को भरना दुखद है। इससे पानी का लेयर और भी नीचे चला जाएगा। यहां बहुत पहले से तालाब था, जिसे हाल ही में जमीन माफियाओं द्वारा भर दिया गया है। अब इसे बेचने की तैयारी है।

रेन वाटर हार्वेस्टिग भी नहीं

पानी की समस्याओं से निजात और वाटर लेवल बनाये रखने के लिए नगर विकास विभाग ने शहरी क्षेत्र के व्यवसायिक और घरेलू आवासों के निर्माण के दौरान रेन वाटर हार्वेस्टिग की व्‍यवस्‍था करने का आदेश दिया है। हालांकि अब तक इसपर अमल नहीं हुआ है।