अंग्रेजी के प्रोफेसर 74 की उम्र में चला रहे ऑटो, जानिए पूरा मामला

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बंगलुरु। बंगलूरु के 74 पाताबी रमन की कहानी हर बुजुर्ग की कहानी की तरफ इशारा करती है, जिन्हें उम्र के अंतिम पड़ाव पर पेंशन नहीं मिलती है। रमन मुंबई के एक कॉलेज में अंग्रेजी पढ़ाते थे, जब 60 साल की उम्र में वे रिटायर हुए तो कर्नाटक में अपने गृहनगर लौट आए और ऑटो चलाने लगे।

आज इस बात को 14 साल पूरे हो गए, उनकी कहानी सामने तब आई जब एक निजी फर्म में काम करने वाली निकिता अय्यर ने एक अंग्रेजी के लेक्चरर से ऑटो ड्राइवर बने रमन से मुलाकात का अनुभव लिंक्डइन पर शेयर किया।

खबर के मुताबिक, रमन एक अंग्रेजी लेक्चरर के तौर पर मुंबई में काम करते थे, क्योंकि उन्हें कर्नाटक में कोई नौकरी नहीं मिली। वह बताते हैं कि कर्नाटक में हर बार उनसे एकमात्र सवाल पूछा गया था कि ‘आपकी जाति क्या है?’

निकिता अय्यर ने अपनी लिंक्ड इन पोस्ट में लिखती है कि एक सुबह उनको काम पर जाने में देर हो रही थी, तभी एक ऑटो उनके पास आया। और तब उन्होंने ड्राइवर से कहा कि मुझे शहर के दूसरे छोर पर अपने ऑफिस तक जाना है और मुझे पहले ही देर हो चुकी थी। तब उस ड्राइवर ने बिका कोई गलती किए अंग्रेजी में कहा, ‘कृपया अंदर आएं मैम, आप जो चाहें भुगतान कर सकती हैं। अंग्रेजी में यह सुन कर वह हैरान रह गईं, लेकिन वह उस ऑटो में बैठ गई, उसके बाद सफर के 45 मिनट बहुत ही शानदार गुजरे।

निकिता ने बताया कि रमन अभी 74 साल के हैं और 14 साल से ऑटो रिक्शा चला रहे है। उन्होंने कहा कि ‘शिक्षकों को अच्छा वेतन नहीं मिलता है, ज्यादा से ज्यादा 10,000-15,000 रुपये महीना कमा सकते हैं, प्राइवेट संस्थान होने के कारण मेरे पास पेंशन नहीं है। रिक्शा चलाने पर मुझे कम से कम 700-1500 रुपये रोजाना मिलते हैं जो मेरे और मेरी गर्लफ्रेंड के लिए काफी है।

रमन अपनी पत्नी को गर्लफ्रेंड कहते हैं, उन्होंने कहा कि वह मेरी पत्नी है, लेकिन मैं उसे अपनी गर्लफ्रेंड ही कहता हूं। जैसे ही आप पत्नी कहते हैं, पति सोचने लगते हैं कि वह एक दासी है, जिसे आपकी सेवा करनी चाहिए, लेकिन वह किसी भी तरह से मुझसे कम नहीं है।

निकिता ने बताया कि रमन की पत्नी घर की देखभाल करती है। वे कडुगोडी में एक 1 बीएचके फ्लैट में रहते हैं, उनका बेटा 12,000 रुपये का किराया देने में मदद करता है, लेकिन उसके बाद भी वे अपने बच्चों पर निर्भर नहीं हैं। रमन कहते हैं कि उम्र के इस पड़ाव पर मैं सड़क का राजा बन गया हूं, जब चाहूं अपना ऑटो निकाल सकता हूं और जब चाहूं काम कर सकता हूं।