रांची। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के लिए होटल बीएनआर में 26 मार्च को सम्मेलन का आयोजन किया। भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण और उद्योग मंत्रालय ने इसमें सहयोग दिया।
पीएचडी चैंबर के असिस्टेंट सेक्रेटरी जनरल डॉ योगेश श्रीवास्तव ने कहा कि स्टूडेंट हमारे देश के भविष्य हैं। हमें देश के युवाओं को फूड एंड कल्चर से जोड़ने के लिए उन्हें प्रेरित करने की जरूरत है। कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं। झारखंड सरकार तक किसानों की समस्या बताने की बात कही।
संगठन के झारखंड अध्यक्ष डॉ विशाल चौधरी ने कहा कि खूंटी जिले में लोग लाह की खेती कर रहे हैं। उससे जुड़े उत्पाद बना रहे हैं। भारत फल और सब्जियों के मामले में दूसरा सबसे बड़ा देश है।
श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि गांव, गरीब, किसान, शिक्षित और अशिक्षित हर तरह के लोगों को इस कार्यक्रम के मदद से जोड़ना है।
विशिष्ट वक्ताओं ने कृषि के कई पहलुओं में महत्वपूर्ण संरचनात्मक परिवर्तनों पर चर्चा की। इसमें बाजारों तक पर्याप्त पहुंच, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को पंक्तिबद्ध करना, फसलों के लिए बेहतर मुआवजा, कृषि विपणन के साथ-साथ उपज की गुणवत्ता और मात्रा बढ़ाने के तरीकों की तलाश करना शामिल है।
मौके पर नाबार्ड के डीजीएम एससी गर्ग, हर्षवर्धन, सुश्री बेलमती जेनको, मनीष पीयूष, प्रो डॉ आरपी सिंह रतन, डॉ शालिनी लाल, प्रो रेखा सिन्हा, सिककांता मंडल भी उपस्थित थे।