दुमका। सजायाफ्ता बंदियों के बच्चों को मुख्यीधारा से जोड़ने की पहल की गई है। इन बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित बालगृहों में आवासित कराया गया। उपायुक्त राजेश्वरी बी की पहल पर यह काम हुआ है।
दुमका केंद्रीय कारा के अध्यक्ष अश्विनी कुमार तिवारी ने एक आवेदन उपायुक्त को देकर सजायाफ्ता बंदियों के 6 वर्ष से ऊपर की आयु के तीन बच्चों की उचित देखभाल, उनकी शिक्षा, सुरक्षा एवं संरक्षण प्रदान करने का आग्रह किया गया था। इसके बाद इस दिशा में पहल शुरू हुई। जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्वेता भारती के निर्देश पर जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र ने बाल कल्याण समिति एवं अधीक्षक केंद्रीय कारा के साथ समन्वय स्थापित कर चाइल्डलाइन के सहयोग से बच्चों को अधीक्षक केंद्रीय कारा से प्राप्त कर बाल कल्याण समिति (बैंच ऑफ मजिस्ट्रेट) के समक्ष बच्चों के संबंध में उचित निर्णय लेने के लिए पेश किया।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मनोज साह ने बताया कि बच्चे देश के भविष्य हैं। ये समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें और एक सामान्य नागरिक का कर्तव्य निर्वहन कर सकें। इसके लिए समिति सर्वेसम्मति से निर्णय लेते हुए बच्चों को अपने संरक्षण में लेती है। बच्चों को समेकित बाल संरक्षण योजना अंतर्गत प्रदत सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा। सदस्य सुमिता सिंह ने कहा कि बच्चों का आईसीपी बनाकर निरंतर फॉलो-अप कराया जाएगा।