एसीसी ट्रस्ट की दिशा के शत प्रतिशत प्रशिक्षुओं को मिला जॉब

देश मुंबई
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मुंबई। एसीसी ट्रस्ट ने अपने सीएसआर कार्यक्रम दिशा (कौशल विकास) के माध्यम से अपने चाईबासा सीमेंट वर्क्स प्लांट में 102 जॉब ऑफर्स के साथ 100 फीसदी प्रशिक्षुओं को सफलतापूर्वक प्लेसमेंट प्रदान किया है। इस केंद्र ने ‘ऑटोमोटिव’ और ‘इलेक्ट्रीशियन’ के तकनीकी ट्रेडों में ‘लाइफ स्किल डेवलपमेंट’ के साथ यह उपलब्धि हासिल की है। प्लेसमेंट अभियान के दौरान एमएनसी जैसे मदरसन सुमी सिस्टम्स, याजाकी मोटर्स, मिंडा कॉर्पाेरेशन, बैंगलोर और ग्रोफर्स, रांची की ओर से जॉब ऑफर दिए गए।

सबसे अधिक पैकेज 1.84 रुपए एलपीए का रहा। बैच में 49 लड़कियां और 53 आदिवासी लड़के शामिल हैं। इनकी उम्र 18 से 30 साल के बीच है, जिनमें हाई स्कूल ड्रॉप आउट भी शामिल हैं। प्रशिक्षण के लिए उम्मीदवारों का चयन समुदाय और ग्राम प्रधानों के साथ व्यापक परामर्श के बाद किया गया था। इस दौरान आसपास के 10 गांवों को कवर करने वाले इस आदिवासी क्षेत्र के युवा लड़क और लड़कियों की जरूरतों के लिए सभी वास्तविक पहलुओं और प्रासंगिक मानदंडों को भी ध्यान में रखा गया था।

एसीसी लिमिटेड के सीईओ और एमडी श्रीधर बालकृष्णन ने कहा, ‘एसीसी के लिए कई चुनौतियों के साथ दूरस्थ स्थान पर नौकरी प्रदान करना एक गर्व का क्षण है। हमने एसीसी ट्रस्ट की पहल दिशा के माध्यम से दुनिया की प्रमुख चिंताओं में से एक, बेरोजगारी को दूर करने की दिशा में निरंतर और लगन के साथ काम किया है। हम अपने इसी तरह के प्रयासों से इस क्षेत्र के अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार के योग्य बनाना सुनिश्चित करेंगे और जारी रखेंगे।’

इस तरह के कार्यक्रम के तहत इससे पहले ऐसी प्रमुख महिला भागीदारी कभी नहीं देखी गई है। यह पहली बार है जब इस क्षेत्र की लड़कियों ने कम उत्पादकता वाले कृषि और घरेलू क्षेत्र से बाहर निकल कर तकनीकी प्रशिक्षण में रुचि दिखाई है, जो निश्चित रूप से लैंगिक रूढ़िवादिता पर काबू पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता है।

स्थानीय सामुदायिक सेवा केंद्र के सहयोग से उन्हें श्रम कार्ड और जीरो बैलेंस जनधन बैंक खाते जैसी सरकारी और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के साथ पंजीकृत किया गया है। प्रशिक्षु अपनी इस उपलब्धि को लेकर बेहद उत्साहित हैं और प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ अपना करियर शुरू करने और अपने सपनों के शहरों-बैंगलोर और रांची में काम करने के लिए उत्सुक नजर आ रहे हैं।