बंगलुरु। बंगलूरु में एक मरीज की सर्जरी करके 500 ग्राम का ट्यूमर निकाला गया है। यह ट्यूमर मरीज मोहन की नाक में छोटे से छाले के रूप में उभरा। धीरे-धीरे यह इतना बड़ा हो गया कि चेहरे से लटकने लगा। 48 वर्षीय मरीज की जिंदगी नर्क बन गई।
डॉक्टरों ने बताया कि 10 साल पहले इस ट्यूमर की शुरुआत हुई थी। शुरुआत में यह दाने की तरह था। तब मरीज डॉक्टर के पास नहीं गया। धीरे-धीरे वह बड़ा होने लगा और अचानक इतना बड़ा हो गया कि यह लटकने लगा। डॉक्टरों के मुताबिक, इस तरह के ट्यूमर को राइनोफिमा, जिसे आलू का ट्यूमर भी कहा जाता है, एक गैर-कैंसरयुक्त स्किन डिजीज होती है। हालांकि इसके होने का सटीक कारण अज्ञात है। इसकी शुरुआत सूजन से भी होती है।
मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि अगर इसे और नजरअंदाज किया जाता है, तो यह नाक के सॉफ्ट टिश्यू में बढ़कर अनियंत्रित ट्यूमर बन जाता है।
खबर के मुताबिक, मोहन इलाज के लिए तैयार नहीं थे, उनकी सर्जरी करने वाली डॉक्टर स्मिता ने बताया कि परामर्श के पहले दिन, मोहन में आत्मविश्वास की कमी थी। उसकी काउंसलिंग की गई और सर्जरी से पहले मनोवैज्ञानिक को दिखाया गया। सुधार होने के बाद उसकी सर्जरी की गई। डॉक्टर ने बताया कि ट्यूमर का वजन करीब 500 ग्राम था। ऐसे मामलों में नियमित ड्रेसिंग की जरुरत होती है। उन्हें लगभग एक महीने के लिए ड्रेसिंग के लिए आना पड़ा और इसे ठीक होने में लगभग 60 दिन लगे। मोहन अब ठीक है।