पटना। केंद्र सरकार अन्नदाताओं की समृद्धि के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है। केंद्र की यह भी कोशिश है कि किसान उर्वरक आधारित खेती को ना और जलवायु अनुकूल आधारित खेती को हां करें। इसके लिए केंद्र सरकार कई स्तर पर काम कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जलवायु अनुकूल आधारित खेती के तहत ही बिहार में भी 10 और जिलों में जलवायु के अनुकूल खेती को बढ़ावा देने पर काम शुरू हो गया है, जिससे बाढ़, सुखा या दूसरी वजहों के प्राकृतिक माहौल में भी खेती संभव हो सकेगा। इसमें बिना जुताई की खेती, मौसम बाद अनुकूल धान की किस्म का चयन, जलछाजन और मवेशी पालन शामिल है।
खेती को जलवायु के अनुकूल बनाने के लिए केंद्र सरकार ने अपने अभियान में बिहार के भी 10 जिलों को शामिल किया है। चयनित जिलों में दरभंगा, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, लखीसराय, किशनगंज, भागलपुर, सीवान, सहरसा, सीतामढ़ी और नालंदा शामिल हैं।
इन जिलों के लिए केंद्र सरकार ने धनराशि भी दे दी है। इसके लिए किसानों के बीच प्रचार-प्रसार भी किया जायेगा। चयनित जिलों के कुछ गांवों में वैज्ञानिकों की देखरेख में पशुपालन और खेती कराई जायेगी, ताकि किसान अधिक से अधिक समृद्ध हो सकें।