रजरप्पा। रामगढ़ की डीसी माधवी मिश्रा ने बताया कि सरकार मंदिर की सुविधाएं विश्वस्तरीय करने में जुटी है। इसी के तहत यहां बकरों की बलि और चढ़ने वाले फूलों के प्रबंधन को लेकर नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी है। योजना जल्द जमीन पर होगी। मंदिर में हर दिन करीब डेढ़ सौ बकरों की बलि पड़ता है। बलि के बाद शेष बचे बकरों की खाल का इस्तेमाल बिजली तैयार करने में होगा।
बिजली बनाने के लिए मंदिर परिसर में मिथिनेशन प्लांट लगाया जाएगा। यह सेमी ऑटोमेटिक स्लॉटर हाउस और अगरबत्ती प्रोसेसिंग यूनिट भी लगाई जाएगी। इस प्रोजेक्ट पर डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट करीब 72 लाख रुपए खर्च करेगा।
इस प्रक्रिया से प्रतिदिन 34 किलोवाट बिजली तैयार करने की बात कही जा रही है। प्लांट की क्षमता प्रतिदिन एक टन अपशिष्ट इस्तेमाल करने की होगी। मंदिर से रोज औसतन 900 किलो अपशिष्ट निकलता है।