नई दिल्ली। बड़ी खबर यह है कि मलयाली फिल्ममेकर अली अकबर ने इस्लाम धर्म छोड़ पूरे परिवार के साथ हिंदू धर्म अपना लिया है। अली अकबर ने ये अहम फैसला चीफ डिफेंस ऑफ स्टाफ बिपिन रावत के आकस्मिक निधन पर आये सोशल मीडिया रिएक्शन के बाद लिया था। अली अकबर ने लाइव वीडियो में CDS बिपिन रावत के निधन पर खुशी मनाने वालों की निंदा की थी।
बुधवार को अली अकबर ने बताया था कि उनका इस्लाम धर्म से विश्वास उठ गया है। इसलिए अब वो और उनकी पत्नी Lucyamma हिंदू बनने के लिए तैयार हैं। अली अकबर ने अपना नया नाम भी चुन लिया है। वे अब अली अकबर से Ramasimhan होंगे। उन्होंने बताया कि Ramasimhan वो शख्स था जो इसलिए मारा गया, क्योंकि वो अपने कल्चर के खड़ा रहा। अली अकबर के मुताबिक Ramasimhan नाम उनके लिए सटीक बैठता है। अली अकबर ने लाइव वीडियो में बहादुर सेना अधिकारी की मौत पर रिएक्शन देने वालों की निंदा की थी।
अली अकबर को इस बात से भी ठेस पहुंची थी कि कोई भी धर्मगुरु कट्टरपंथियों के खिलाफ नहीं खड़ा हुआ। सांप्रदायिक प्रतिक्रिया देखने के बाद अली अकबर ने अपने पुराने फेसबुक अकाउंट को सस्पेंड कर दिया था और एक नए अकाउंट का इस्तेमाल कर धर्म परिवर्तन का एलान किया था। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपनी बेटियों को धर्म बदलने के लिए मजबूर नहीं करेंगे और वह इसे उनकी पसंद पर छोड़ देंगे। यहां बता दें कि अली अकबर पहले भारतीय जनता पार्टी की राज्य कमेटी के मेंबर थे। बाद में पार्टी लीडरशिप के साथ अहसमति होने के बाद उन्होंने अपनी पोस्ट से इस्तीफा दे दिया था।
अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी ख़बर के मुताबिक़ अली अकबर का कहना है कि वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मौत से जुड़ी पोस्ट पर कई मुस्लिम नाम के अकाउंट वाले यूज़र्स ने कॉमेंट में स्माइली पोस्ट किया, जिससे वह दुखी हैं। अख़बार की ख़बर के अनुसार, अकबर ने कहा कि किसी भी बड़े मुसलमान नेता ने इस तरह के ‘देश-विरोधियों’ का विरोध नहीं किया, जिन्होंने सेना के बहादुर अधिकारी का अपमान किया और ये उन्हें मंज़ूर नहीं है।
अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, फिल्म निर्माता ने बुधवार को फ़ेसबुक पेज पर एक वीडियो साझा किया और कहा, ”आज मैं वो चोला उतार कर फेंक रहा हूं, जो मुझे पैदाइशी मिला था। आज से मैं मुसलमान नहीं हूं, बल्कि भारतीय हूं, ये मेरा जवाब है, उन हज़ारों लोगों को जिन्होंने कॉमेंट में इमोजी पोस्ट किये।” अकबर अली की इस पोस्ट की कई मुस्लिम फ़ेसबुक यूज़र्स ने ख़ूब आलोचना की और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, बदले में अकबर अली भी कॉमेंट सेक्शन में अभद्र भाषा में जवाब देते नज़र आये। हालांकि कई यूज़र्स ने अकबर अली की तारीफ़ भी की। हालांकि ये पोस्ट सोशल मीडिया से बाद में ‘ग़ायब’ हो गई।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए अकबर ने कहा, ”कई देश-विरोधी गतिविधियां सोशल मीडिया पर होती हैं। जनरल रावत की मौत का वाक़या इसका ताज़ा उदाहरण है। ज़्यादातर यूज़र्स जिन्होंने सीडीएस जनरल रावत की मौत की पोस्ट पर हंसी वाली इमोजी कमेंट किये और इसे सेलिब्रेट कर रहे थे वो मुस्लिम थे।” ”उन्होंने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि रावत ने पाकिस्तान और कश्मीर में चरमपंथियों के ख़िलाफ़ कई कार्रवाई की थी। इस तरह के सार्वजनिक पोस्ट देखने के बाद भी, जिसमें देश के बहादुर अधिकारी का अनादर किया गया था। किसी भी बड़े मुस्लिम नेता ने प्रतिक्रिया नहीं दी।
मैं इस तरह के धर्म का हिस्सा नहीं रहना चाहता।” साल 2015 में अकबर ने तब सनसनी फैला दी थी, जब उन्होंने बताया था कि मदरसा में पढ़ते समय उनका यौन शोषण हुआ था। अकबर इस समय मालाबार विद्रोहियों पर एक फ़िल्म बना रहे हैं।