- सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 1 से 8 के विद्यार्थियों देने की है योजना
रांची। वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे कक्षा 1 से 8 के विद्यार्थियों को पोशाक उपलब्ध कराया जाना है। इनकी संख्या करीब 36 लाख है। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने जिलों को राशि आवंटित कर दिया है। इसकी जानकारी शिक्षा सचिव राजेश कुमार शर्मा ने सभी उपायुक्तों को दी है। पोशाक वितरण के संबंध में निर्देश भी जारी किया है।
संकल्प जारी हो चुका है
सचिव ने पत्र में लिखा है कि समग्र शिक्षा और राज्य योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकारी विद्यालयों 1 से 8 में अध्ययनरत विद्यार्थियों छात्रों को पोशाक उपलब्ध कराया जाना है। विद्यार्थियों को पोशाक उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा 05 मार्च, 2019 को संकल्प जारी किया जा चुका है।
पोशाक की ये राशि तय
प्राथमिक कक्षा में पढ़ रहे सभी वर्ग के विद्यार्थियों को एक जोड़ा पोशाक, एक फुल स्वेटर, एक जोड़ा जूता और मोजा उपलब्ध कराया जाएगा। इसकी कीमत 600 रुपये होगी। उच्च प्राथमिक कक्षा में पढ़ने वालों को 760 रुपये की ये सामग्री दी जाएगी। इसका वितरण समग्र शिक्षा अभियान और राज्य योजना से किया जाना है।
यह व्यवस्था भी लागू
सचिव ने लिखा है कि कक्षा 1 एवं 2 में नामांकित कई विद्यार्थियों को स्वयं सहायता समूह या डीबीटी के माध्यम से पोशाक, स्वेटर एवं एक सेट जूता-मोजा उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। उन्हें पूर्व व्यवस्था के तहत विद्यालय प्रबंध समिति के माध्यम से पोशाक, स्वेटर एवं जूता-मोजा क्रय कर उपलब्ध कराया जाना है।
मुख्य सचिव का निर्देश
सचिव के अनुसार मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 18 नवंबर, 2021 को आयोजित वीडियो कॉन्फेसिंग के दौरान मुख्य सचिव द्वारा ‘आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम की निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत सभी चिन्हित विद्यार्थियों के बीच अनिवार्य रूप से या तो डीबीटी के माध्यम से राशि वितरित कर दी जाए या उन्हें पोशाक, जूता-मोजा तथा स्वेटर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
समीक्षा करने का आदेश
सचिव ने लिखा है कि पोशाक वितरण की प्रक्रिया में किसी भी स्तर पर अन्य संस्थाओं की आड़ में बिचौलियों का समूह सक्रिय नहीं हो जाए, इस पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूर है। उक्त निर्देश के आलोक में पोशाक वितरण की समीक्षा साप्ताहिक अपने स्तर से करें। पूरी प्रक्रिया में कहीं कोई समस्या आने पर अविलंब इसे राज्य परियोजना निदेशक या उनके संज्ञान में लाए।