नई दिल्ली। किसानों के आंदोलन के आगे मोदी सरकार झुक गई। तीनों कृषि कानून को निरस्त करने का फैसला ली है। इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद की है। संयुक्त किसान मोर्चा ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का स्वागत किया है। घोषणा के प्रभावी होने की प्रतीक्षा करने की बात कही। तब तक आंदोलन वापस नहीं होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज मैं सभी को बताना चाहता हूं कि हमने तीनों कृषि कानून को निरस्त करने का फैसला किया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में हम तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे। मोदी ने कहा कि हमारी तपस्या में कमी रही होगी। हम किसानों को नहीं समझा पाये।
जानकारी हो कि किसान आंदोलन के 14 माह हो गये हैं। इस दौरान 600 से अधिक किसान काल के गाल में समा गये। कई राज्यपाल, सरकार के कुछ सांसद और विधायक तक आंदोलन के पक्ष में बोलते रहे हैं। कानूनों को किसान के विरुद्ध बताते रहे।
संयुक्त किसान मोर्चा ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के निर्णय का स्वागत किया है। मोर्चा ने कहा कि उचित संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से घोषणा के प्रभावी होने की प्रतीक्षा करेगा। मोर्चा ने कहा कि किसानों का आंदोलन ना केवल तीन काले कानूनों को निरस्त करने के खिलाफ है, बल्कि सभी कृषि उत्पादों और सभी किसानों के लिए लाभकारी मूल्य की वैधानिक गारंटी के लिए भी है। किसानों की यह अहम मांग अभी बाकी है। जल्द ही अपनी बैठक करेगा और आगे के निर्णयों की घोषणा करेगा।