रांची। झारखंड की राजधानी रांची के कांके प्रखंड के बाढू नवाटोली में शनिवार को सिंगबोंगा जतरा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बाढू, नवाटोली, सेमरटोली, बरवाटोली सहित अन्य गांव के खोड़हा मंडली पारंपरिक परिधान में सामूहिक नृत्य करते जतरा स्थल पहुंचे। इसके बाद बाढू मौजा के पाहन जगदीश पाहन ने सिंगबोंगा की विधिवत पूजा अर्चना की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कांग्रेस के ग्रामीण जिलाध्यक्ष सुरेश कुमार बैठा, मुख्य संरक्षक रतन तिर्की, अशोक उरांव ने इष्टदेवों को खुश करने के लिए मुर्गों और बकरे की बलि दी। श्री बैठा ने कहा कि आदिवासी समाज साल वृक्ष की पूजा इस विश्वास के साथ करते हैं कि इसमें सिंगबोंगा का निवास होता है।
मुख्य संरक्षक रतन तिर्की ने कहा किसान के खेत खलिहान इस वक्त नई फसल की खुशबू बिखेर रही है। किसानों के चेहरे पर धान की अच्छी पैदावार की खुशी छलक रही है। ऐसे पल में आदिवासी समाज अपने इष्टदेव सिंगबोंगा और डाइर जतरा की पूजा करने की परंपरा रही है। आदिवासी किसान अपनी फसल को घर में सुरक्षित रखने के बाद जतरा के बहाने एक साथ मिलते जुलते हैं। साथ ही अपनी परंपराओं को जीवित रखने के साथ आपस में सुख दुःख की बातें करते हैं।
कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रभाकर तिर्की, अशोक उरांव, उनील महतो, मदन कुमार महतो, योगेन्द्र उरांव, अध्यक्ष मनीष उरांव, सचिव बिलेन्द्र मुंडा, कोषाध्यक्ष शंकर उरांव, पुनिता कुजूर, महेश गाड़ी, रवि गाड़ी, बुधराम, महेष गाड़ी सहित अन्य ने सक्रिय भूमिका निभाई।