राज्‍यपाल को बुनकरों की समस्‍याओं से कराया अवगत

झारखंड
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रांची। दी छोटनागपुर रीजनल हैंडलूम विवर्स को-ऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड, ईरबा का एक प्रतिनिधिमंडल राजभवन में राज्यपाल रमेश बैस से गुरुवार को मिला। उन्‍हें राज्य के बुनकरों की समस्याओं से रू-ब-रू कराया। उन्‍हें बताया कि यह प्रदेश का एकमात्र शीर्ष सहकारी संस्था है। इससे 73 प्राथमिक बुनकर सहयोग समितियां संबद्ध हैं। यहां के बुनकरों बड़े पैमाने पर बेडशीट, गमछा, पर्दा, साड़ी, लूंगी, सटिंग आदि वस्त्र का उत्पादन करते हैं। राज्य के बुनकरों को रोजगार मुहैया कराया जाता है। को-ऑपरेटिव द्वारा हस्तकर्घा निर्मित वस्तुओं का वितरण किया जाता है।

प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि झारखंड सरकार के उद्योग विभाग ने आदेश दिया है कि बुनकरों द्वारा उत्पादित वस्तुओं को राज्य के सभी संस्थानों में प्राथमिकता दी जाए। राज्‍यपाल से अनुरोध किया कि अपने स्तर से राज्य सरकार के अधीनस्थ कार्यालयों में उपयोग होने वाले बेडशीट, गमछा, पर्दा खरीद का आदेश दिया जाए।

प्रतिनिधिमंडल ने बिहार राज्य की तर्ज पर राज्य के सरकारी अस्पतालों में उपयोग के लिए सतरंगी चादर की खरीद भी विवर्स को-ऑपरेटिव के माध्यम से करने का निर्देश दिये जाने का अनुरोध किया। उन्‍होंने कहा कि इससे राज्य के बुनकरों को नियमित और बड़े पैमाने पर रोजगार मिल सकेगा। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्‍व अध्यक्ष अनवार अहमद अंसारी ने किया। इसमें सुरेश मुर्मू, बिरसा मुर्मू, हाजी इकबाल हुसैन, फिरोज अंसारी, आफताब आलम एवं गुलरेज अख्तर भी शामिल थे।