पटना। जातीय जनगणना को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा बयान दिया है। सीएम ने कहा है कि बिहार के सभी दलों के लोगों ने जातीय जनगणना कराने की मांग की है।
केंद्र सरकार फिर से ठीक ढंग से इस पर विचार करे। उन्होंने जातीय जनगणना को देशहित में बताया। दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश कुमार ने कहा है कि जातीय जनगणना की बात जो हम लोगों ने कहा है, वह एकदम उचित है। मुख्यमंत्री जातीय जनगणना नहीं कराने के पीछे देश में चार लाख से अधिक जाति होने के तर्क पर कहा कि हरेक जाति में उप जाति होती है। जनगणना कराने से पहले इस पर ठीक से विचार किया जाता है और फिर गणना की जाती है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामा को लेकर कहा कि वह आर्थिक और सामाजिक गणना को लेकर है। इसमें जातीय जनगणना को नहीं जानिए। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि वह चाहते हैं कि केंद्र सरकार इस पर ठीक ढंग से विचार करें और ये देशहित का मामला है। गृहमंत्री अमित शाह के साथ नक्सल प्रभावित राज्यों के सीएम की मीटिंग के लिए नीतीश कुमार दिल्ली में हैं। गौरतलब है कि बिहार के तमाम राजनीतिक दलों ने जातीय जनगणना कराए जाने को लेकर मुहिम चलाई थी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सर्वदलीय कमेटी प्रधानमंत्री से मुलाकात कर जातीय जनगणना को जरूरी बताया था। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से जातीय जनगणना कराए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर इसमें व्यावहारिक कठिनाइयां बताई गई हैं। उसके बाद भी राजनीतिक दलों को केंद्र सरकार से इस मसले पर सकारात्मक जवाब की उम्मीद है।