- सीसीएल की रजरप्पा परियोजना में योगदान देकर इतिहास रचा
रांची। कोल इंडिया की सहायक कंपनी सीसीएल की चूरी भूमिगत खदान में कुछ दिन पूर्व आकांक्षा कुमारी ने माइनिंग इंजीनियर के रूप में योगदान दिया था। सीसीएल सहित पूरे कोल इंडिया एवं कोयला उद्योग के लिए वह ऐतिहासिक दिन था। इससे देश के कोयला खनन उद्योग के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ा था।
कोल इंडिया में एक और अध्याय जुड़ गया है। राजस्थान की रहने वाली सुश्री शिवानी मीणा ने सीसीएल के रजरप्पा क्षेत्र की मेकेनाइज्ड खुली खदान (रजरप्पा परियोजना) में योगदान दिया। यह अविस्मरणीय और अभूतपूर्व है, क्योंकि शिवानी एक्सकवेशन (उत्खनन) कैडर की पहली महिला इंजीनियर हैं, जो खुली खदान में काम करेंगी। उन्हें भारी मशीनों (एचईएमएम) के रख-रखाव एवं मरम्मत की जिम्मेदारी दी गयी है।
आईआईटी जोधपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कर चुकी सुश्री शिवानी ने कोयला जगत में अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर उदहारण प्रस्तुत किया है। भूमिगत खदान के बाद अब खुली खदान में महिला इंजीनियर ने योगदान देकर कोयला खनन में महिला सशक्तिकरण को बल दिया है। भारत सरकार द्वारा खनन क्षेत्र में प्रदान किये गए अवसर का समुचित लाभ लेते हुए इन महिलाओं ने ना सिर्फ उम्मीदों का एक नया द्वार खोला है, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनी है। सीसीएल ही नहीं कोल इंडिया के इतिहास में यह एक गौरव का पल है।
केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी के साथ-साथ सीसीएल सीएमडी पीएम प्रसाद, सभी निदेशक एवं सीसीएल वृहद परिवार ने शिवानी को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री श्रीमती स्म़ृति ईरानी ने भी शिवानी की इस उपलब्धि की सराहना की है।