नेट जीरो प्रतिबद्धता पर हस्ताक्षर करने वाली पहली भारतीय सीमेंट कंपनी बनी एसीसी

देश बिज़नेस मुंबई
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मुंबई। एसीसी लिमिटेड (एसीसी) ने अपने 2030 कार्बन उत्सर्जन में कमी के लक्ष्य को साइंस बेस्ड टार्गेट्स इनिशिएटिव (एसबीटीआई) के साथ जोड़ दिया है। कंपनी ने ‘बिजनेस एम्बिशन फॉर 1.5 डिग्री सेल्सियस’ पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके साथ ही कंपनी जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के ‘रेस टू जीरो’ अभियान में शामिल हो गई है। इस तरह एसीसी भारतीय निर्माण क्षेत्र की पहली ऐसी कंपनी बन गई है, जिसने एसबीटीआई द्वारा अनुमोदित 2030 लक्ष्यों के साथ ‘बिजनेस एम्बिशन फॉर 1.5 डिग्री सेल्सियस’ पर हस्ताक्षर किए हैं।

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एसीसी ने अपने विज्ञान-आधारित लक्ष्यों को विकसित करने के लिए सीडीपी इंडिया के इनक्यूबेटर प्रोग्राम के साथ भागीदारी की है। एसीसी के एसबीटीआई अप्रूव्ड लक्ष्य वार्मिंग को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे तक सीमित करने के लिए आवश्यक कटौती के अनुरूप हैं। एसीसी 2018 के आधार वर्ष से 2030 तक स्कोप1 जीएचजी उत्सर्जन को 21.3 प्रतिशत प्रति टन सीमेंटिटियस और स्कोप 2 जीएचजी उत्सर्जन 48.4 प्रतिशत प्रति टन सीमेंटिटियस सामग्री को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।

एसीसी लिमिटेड के एमडी और सीईओ श्रीधर बालकृष्णन ने कहा, ‘एसीसी में हम सस्टेनबिलिटी से जुड़े लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कैलिब्रेटेड रणनीतियों को लागू करके एक जिम्मेदार और टिकाऊ कंपनी बनने का लगातार प्रयास करते हैं। इस कदम को आगे बढ़ाते हुए एसीसी अब वैश्विक कंपनियों के ऐसे समूह में शामिल हो गई है, जो स्वीकृत विज्ञान-आधारित लक्ष्यों के साथ एक महत्वाकांक्षी लो कार्बन इकोनॉमी की ओर बढ़ रही है। रेस टू जीरो में शामिल होने से हमारा दृष्टिकोण मजबूत होगा और जलवायु परिवर्तन से निपटने के दिशा में हमारे लक्ष्यों को और तेज किया जाएगा। यह प्रयास हमें इस धरती और लोगों के लिए सकारात्मक योगदान देने की हमारी प्रतिबद्धता को तेज करने में मदद करेगा।’

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इन लक्ष्यों के साथ एसीसी सीमेंट संचालन में अपनी कार्बन तीव्रता को 2018 में 511 किलोग्राम से घटाकर 2030 तक 409 किलोग्राम कार्बन प्रति टन सीमेंटिटियस सामग्री करने के लिए प्रतिबद्ध है। मूल कंपनी होल्सिम ग्रुप की नेट-जीरो प्रतिज्ञा के अनुरूप, एसीसी ने कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए कई उपाय किए हैं, जैसे क्लिंकर फेक्टर को कम करना, थर्मल सबस्टीट्यूशन रेट में सुधार करना, थर्मल और विद्युत ऊर्जा की तीव्रता को कम करना, वेस्ट हीट रिकवरी सिस्टम को लागू करना और अक्षय ऊर्जा की खपत संबंधी दर को बढ़ाना और नई टैक्नोलॉजी को पेश करना। 2020 में 493 किलोग्राम कार्बन प्रति टन सीमेंटिटियस सामग्री के साथ एसीसी का प्रदर्शन देश में सबसे कम विशिष्ट कार्बन उत्सर्जन में से एक है। एसीसी कम कार्बन उत्पादों और टिकाऊ समाधान विकसित करने के लिए अपने सक्रिय दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना जारी रखेगी।