- ‘माइंड ओवर मैटर’ सीजन-8 ने अनुसंधान और नवाचार की सीमाओं को आगे बढ़ाया
मुंबई। टाटा स्टील ने इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के लिए अपनी बहुप्रतीक्षित वार्षिक नवाचार चुनौती ’माइंड ओवर मैटर सीजन-8’ के विजेताओं की घोषणा की। कोविड प्रतिबंधों के कारण पिछले साल की तरह 6 अगस्त, 2021 को वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर सीजन-8 का भव्य समापन और पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया। ग्रैंड फिनाले में 5 शीर्ष टीमों ने जूरी के सामने अपने अभिनव समाधान प्रस्तुत किए। इस सीजन में 350 से अधिक टीमों ने हिस्सा लिया।
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एनआईटी जमशेदपुर से अरित्रा पात्रा और निहित राज ’माइंड ओवर मैटर-2021’ के विजेता बने। एनआईटी जमशेदपुर से अदिति सिंह और वरुण कुमार झा की टीम ने फर्स्ट रनर-अप का स्थान हासिल किया। विजेता टीम को एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि मिली। फर्स्ट रनर-अप यानी उपविजेता टीम को 75,000 रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। जहां शीर्ष दो टीमों को प्री-प्लेसमेंट ऑफर दिए गए, वहीं अन्य सभी फाइनलिस्टों को प्री-प्लेसमेंट इंटरव्यू का ऑफर दिया गया।
टाटा स्टील की वाईस प्रेसिडेंट (ह्यूमैन रिसोर्स मैनेजमेंट) अत्रेयी सरकार ने कहा, ‘टाटा स्टील में हम मानते हैं कि इनोवेशन हमारे प्लैनेट और लोगों के लिए भविष्य का समाधान खोजने की मौलिक पूर्व-आवश्यकता है। ‘माइंड ओवर मैटर’ अपनी तरह का एक अनूठा मंच है, जहां टाटा स्टील की आरएंडडी टीम के मार्गदर्शन में प्रतिभाशाली युवा मस्तिष्क को उनके सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुप्रयोगों के साथ परखा जाता है। कार्यक्रम का उद्देश्य रचनात्मकता, अत्याधुनिक अनुसंधान की संस्कृति को बढ़ावा देना और उन्हें मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में शामिल होने के लिए प्रेरित करना है।‘
वाइस प्रेसिडेंट (टेक्नोलॉजी एंड न्यू मैटेरियल्स बिजनेस) देबाशीष भट्टाचार्जी ने कहा, ‘2014 में अपनी स्थापना के बाद से, ‘माइंड ओवर मैटर’ प्रोग्राम ने पूरे भारत से युवा और इच्छुक विद्यार्थियों को लगातार आकर्षित किया है। इसने छात्र-छात्राओं को अपनी प्रतिभा दिखाने और अपने साथियों से सीखने के लिए एक मंच प्रदान किया है। इस वर्ष कुछ प्रस्तुतियां वास्तव में अपने स्तर पर सर्वोत्तम इनोवेशन थे। हम इन युवा मस्तिष्क का स्वागत करने के लिए उत्साहित हैं और बेहतर कल के लिए उनके योगदान की आशा करते हैं।‘
इस सीजन में विजेता टीम ने पिनाकपानी बिस्वास के मार्गदर्शन में ’नॉवेल फोटोरिएक्टर सब्सट्रेट फॉर वेस्टवाटर ट्रीटमेंट’ (अपशिष्ट जल के उपचार के लिए नया फोटोरिएक्टर सब्सट्रेट) नामक चुनौती पर काम किया। फर्स्ट रनर-अप टीम ने मेंटर सोवन के पात्रा के साथ ’कोयला आधारित अपशिष्ट से बिजली पैदा करने के लिए नए मिश्रित यौगिक का विकास’ चुनौती पर शोध किया। इन वर्षों में इस नवाचार चुनौती ने विद्वार्थियों को अपनी ओर आकर्षित किया है और जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की है। इसने कॉर्पोरेट्स, शिक्षाविदों और छात्र-छात्राओं के बीच अत्याधुनिक अनुसंधान और सहयोग का एक बेंचमार्क स्थापित किया है।
‘माइंड ओवर मैटर’ देश के शीर्ष संस्थानों के सबसे तेज और सबसे कुशाग्र इंजीनियरिंग विद्यार्थियों को स्टीलमेकिंग और स्टील अनुप्रयोगों से संबंधित वास्तविक जीवन की समस्याओं के साथ समाधान की चुनौती देता है। इसके बाद विजेता टीमों को टाटा स्टील की आरएंडडी टीम के मेंटरशिप के तहत अपने विचारों का प्रोटोटाइप बनाने के लिए टाटा स्टील में आमंत्रित किया जाता है।