नई दिल्ली। एटीएम की सुविधा का मतलब तो यह होता है कि बिना कागजी कार्रवाई आप कभी भी पैसे निकाल सकते हैं, पर अकसर ग्राहकों को एटीएम पर ‘नो कैश’ का पर्चा चिपका दिखाई दे जाता है. कई बार इससे लोगों के काम भी बिगड़ जते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अब इसे लेकर सख्त रवैया अपनाया है। आरबीआई ने ने एटीएम मशीन से कैश न निकलने पर बैंकों पर जुर्माना लगाने का फैसला किया है. आरबीआई का यह आदेश 1 अक्टूबर से लागू हो जाएगा. आरबीआई के निर्देशों के तहत 1 अक्टूबर 2021 से अगर किसी बैंक के एटीएम में किसी महीने 10 घंटे भी कैश उपलब्ध नहीं रहता है तो उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. इंडिकैश, हिताची जैसी विभिन्न कंपनियों द्वारा संचालित व्हाइट लेबल एटीएम (WLA) के मामले में जुर्माना बैंक लगाएंगे. एटीएम में कैश न होने पर बैंकों पर जो जुर्माना लगेगा, उसकी रिकवरी डब्ल्यूएलए ऑपरेटर से होगी जिस पर एटीएम में कैश उपलब्धता की जिम्मेदारी होगी. आरबीआई ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि एटीएम के जरिए लोगों को पर्याप्त नगदी सुनिश्चित की जा सके.
फैसला लिया गया है कि लोगों को नकदी की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए बैंक/व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर्स (WLAOs) अपने सिस्टम्स/मैकेनिज्म को मजबूत करेंगे. इस मैकेनिज्म के तहत अगर पता चलता है कि एटीएम में नगदी खत्म हो गई है तो उसे भरा जा सके. RBI के निर्देशों के मुताबिक इसके उल्लंघन पर जुर्माना लगाया जा सकता है.