बच्चे और युवाओं में शिक्षा को बढ़ावा देगा टाटा स्टील फाउंडेशन

झारखंड
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  • केएमसीओ और सीआईएफ के साथ किया एमओयू

जमशेदपुर। टाटा स्टील फाउंडेशन (टीएसएफ) ने शिक्षा के क्षेत्र में अवसरों को बढ़ाने के प्रयास में जुटा है। इसी प्रयास के तहत उसने कुडी मोहंती चिरेंस अपॉर्चुनिटीज (केएमसीओ) ट्रस्ट और कमिंस इंडिया फाउंडेशन (सीआईएफ) के साथ शुक्रवार को दो समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया।

वर्ष, 2000 में कुडी मोहंती की स्मृति में जमशेदपुर में स्थापित एक चैरिटेबल ट्रस्ट ‘केएमसीओ’ के साथ एमओयू पर श्रीमती रुचि नरेंद्रन की उपस्थिति में टाटा स्टील की ओर से सौरव राय (चीफ, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) और सुश्री स्मिता अग्रवाल (हेड, एजुकेशन) और ट्रस्ट की ओर से निरूप मोहंती (प्रेसिडेंट, केएमसीओ) और सुश्री रूपा महंती (चेयरपर्सन, केएमसीओ) ने हस्ताक्षर किए।

केएमसीओ के साथ एक साल की इस साझेदारी का उद्देश्य शहर के स्लम में रहने वाले वंचित बच्चों के लिए विभिन्न विकासात्मक परियोजनाएं शुरू करना है। साझेदारी के एक हिस्से के रूप में केएमसीओ ‘मस्ती की पाठशाला’ के अंर्तगत स्कूलों में टैबलेट का प्रावधान करेगा। टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा संचालित यह कार्यक्रम शहर को बाल-श्रम मुक्त क्षेत्र बनाने के केंद्रित उद्देश्य के साथ आवासीय और गैर-आवासीय स्कूलों के माध्यम से जमशेदपुर में स्लम के स्कूलों और बच्चों के बीच एक सीखने का एक सेतु बनाता है। समझौता ज्ञापन का उद्देश्य इन केंद्रों को डिजिटल रूप से लैस करना है, ताकि विद्यार्थियों के लिए निर्बाध और निरंतर सीखने का अभ्यास सुनिश्चित हो सके।

यह समझौता मरीन ड्राइव के 4 किमी के दायरे में झुग्गी-झोपड़ी यानी स्लम में रहने वाले बच्चों के लिए एक गैर-आवासीय ब्रिज कोर्स के कार्यान्वयन को भी सक्षम करेगा। इस भूभाग में 15 स्लम हैं, जिनमें 800 से अधिक बच्चे हैं, जो या तो स्कूल छोड़ चुके हैं या बहुत अधिक अनियमित हैं। इस फील्ड के डोमेन विशेषज्ञता के साथ, फाउंडेशन ने छह महीने के विशेष पाठ्यक्रम का निर्माण करने और बच्चों को स्कूलों में वापस लाने के लिए केएमसीओ के साथ भागीदारी की है।

कमिंस इंडिया फाउंडेशन के साथ एमओयू पर फाउंडेशन की ओर से सौरव रॉय (चीफ, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी, टाटा स्टील) और अमित कुमार (ट्रस्टी, सीआईएफ) ने हस्ताक्षर किए।

सीआईएफ के साथ यह साझेदारी, स्थानीय युवाओं को औद्योगिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए टाटा स्टील टेक्नीकल इंस्टीट्यूट (टीएसटीआई) में विद्यार्थियों के विशेष कौशल प्रशिक्षण की दिशा में काम करेगी। सीआईएफ एक ‘टेक्नीकल एजुकेशन फॉर कम्युनिटीज (टीईसी)’ प्रोग्राम चलाता है, जो एक वैश्विक पहल है। इसका लक्ष्य स्थानीय व्यावसायिक शिक्षा पहल के माध्यम से तकनीकी कौशल की कमी को पूरा करना है। यह साझेदारी लगभग 270 स्थानीय युवाओं के प्रशिक्षण को सुनिश्चित करेगी। सहयोग के तहत, एक मानकीकृत शिक्षा मंच प्रदान किया जाएगा, जो संस्थान को बाजार-प्रासंगिक पाठ्यक्रम, शिक्षकों के प्रशिक्षण, कैरियर मार्गदर्शन और छात्र-छात्राओं के व्यावहारिक अनुभव को विकसित करने में मदद करेगा।

इस अवसर पर रॉय ने कहा कि मस्ती की पाठशाला जमशेदपुर के सर्वाधिक वंचित बच्चों और युवाओं के जीवन को बदलने का एक प्रयास है। इसके तहत हम शिक्षा को सतत और सार्थक साधन के रूप में उपयोग करने के लिए एक नागरिक आंदोलन खड़ा करने की दिशा में काम कर रहे हैं। केएमसीओ और सीआईएफ के साथ हमारी साझेदारी न केवल बच्चों को स्कूलों में वापस लाने की दिशा में काम करेगी, बल्कि उच्च गुणवत्ता वाले वोकेशनल एजुकेशन के माध्यम से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगी।

तीनों संस्थान शिक्षा और तकनीकी प्रशिक्षण के क्षेत्रों में उच्च प्रभाव वाली परियोजनाओं को चलाने में संलग्न हैं। ‘मस्ती की पाठशाला’ के अलावा, टाटा स्टील फाउंडेशन की शिक्षा पहल में ‘1000 स्कूल प्रोग्राम’ शामिल हैं, जो ओडिशा और झारखंड में संचालित किए जा रहे हैं और 5 लाख विद्यार्थियों के जीवन को छू रहे हैं और शिक्षा और मॉनिटरिंग सिस्टम को मजबूत कर बच्चों को स्कूल वापस लाने का लक्ष्य रखते हैं। इसके अलावा, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों के छात्र-छात्राओं को ‘ज्योति फेलोशिप’ और ‘आकांक्षा’ के तहत छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है।