
मुजफ्फरपुर। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान देश में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं होने के केंद्र और राज्य सरकारों के दावा किए जाने का मामला अब अदालत पहुंच गया है।
बिहार के मुजफ्फपुर की अदालत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ भारती प्रवीण के खिलाफ मुजफ्फपुर की सीजेएम की कोर्ट में गुरुवार को केस दायर किया गया। आईपीसी की धारा 153, 153 ए 295 और 295 ए के तहत परिवाद दर्ज कराया गया है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद में एक सवाल के जवाब में बताया है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ऐसी कोई सूचना नहीं मिली कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्री से सवाल पूछा गया था कि क्या दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से देश में बड़ी संख्या में मौतें हुई थीं। इस पर राज्यसभा में सरकार ने बताया कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश कोरोना से होने वाली मौतों की जानकारी नियमित आधार पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को देते हैं। लेकिन किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऑक्सीजन की कमी से मौत की जानकारी नहीं दी है।
मुजफ्फपुर के अहियापुर स्थित भिखनपुरा निवासी तमन्ना हाशमी ने केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण के बयान पर आपत्ति जताई गई है। याचिका में दावा किया गया है कि हाशमी के गांव में ही कई लोगों की जान ऑक्सीजन की कमी के कारण चली गई। शिकायतकर्ता ने मंत्री भारती प्रवीण के संसद में दिए बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताया है।