नयी दिल्ली। टाटा स्टील फाउंडेशन और टेरी ने गुरूवार को एक वर्चुअल कार्यक्रम में ग्रीन स्कूल प्रोजेक्ट के चौथे चरण का शुभारंभ किया, जिसमें प्रोजेक्ट में शामिल विद्यार्थी, शिक्षकों और स्कूलों सहित सभी स्टेकहोल्डरों ने हिस्सा लिया। अपने चौथे चरण की शुरुआत के साथ-साथ इस प्रोजेक्ट को ओडिशा के एक शहर सुकिंदा और टाटा स्टील के परिचालन क्षेत्रों के कुछ हिस्से तक विस्तारित किया जायेगा, ताकि जलवायु परिवर्तन, स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) और पर्यावरण प्रबंधन पर विद्यार्थियों के बीच जागरूकता पैदा करने के इसके प्रयासों को आगे बढ़ाया जा सके।
प्रोजेक्ट के नये चरण की शुरुआत कंपनी के जेनेरल मैनेजर (कॉरपोरेट सर्विसेज) आर आर सत्पथी, पर्यावरण आंदोलनकारी (एथकोसिया आदिवासी संगठन) अन्ना कुजूर और सीनियर फेलो (अर्थ साइंस एंड क्लाइमेट चेंज, टेरी) सुरुचि भड़वाल की उपस्थिति में की गयी।
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर यह प्रोजेक्ट इस वर्ष पूरी तरह से वर्चुअल होगा, जिसमें जलवायु कार्रवाई को लेकर विशेषकर सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) को लेकर विद्यार्थियों के बीच जागरुकता पैदा करने पर अधिक जोर दिया जायेगा। प्रोजेक्ट के नये चरण का उद्देश्य साझेदार स्कूलों के शिक्षकों को पियर प्लानर बनने और जलवायु कार्यवाही व एसडीजी के विषयों के तहत अपने-अपने स्कूलों के लिए गतिविधियों की वार्षिक योजना विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
इसके अतिरिक्त, यह प्रोजेक्ट छात्र-छात्राओं को भावी चेंज मेकर्स बनने में मदद के लिए ’ग्रीन स्कूल बडी प्रोग्राम’ नामक एक नया कार्यक्रम शुरू कर रहा है। यह कार्यक्रम प्रोजेक्ट में प्रारंभ से जुड़े उन विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करेगा, जिन्होंने सस्टनेबिलिटी, आचरण के विभिन्न पहलुओं पर अपनी क्षमताएं विकसित की हैं और स्कूल की गतिविधियों का नेतृत्व किया है। ग्रीन स्कूल प्रोजेक्ट के तहत सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले स्कूलों में से कम से कम एक स्कूल के विद्यार्थियों को ‘ग्रीन स्कूल बडीज’ के रूप में चुना जाएगा। इन विद्यार्थियों को नये विद्यार्थियों और प्राइमरी सेक्शन में शामिल लोगों के बीच पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरूकता पैदा करने के लिए अनौपचारिक सत्रों की योजना बनाने और निष्पादित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। टाटा स्टील फाउंडेशन और टेरी इन ‘ग्रीन स्कूल बडीज’ को सत्र की योजना बनाने में मार्गदर्शन करने पर काम करेंगे।
इस अवसर सत्पथी ने कहा, “ग्रीन स्कूल प्रोजेक्ट के फेज-4 में इकोसिस्टम की बहाली हमारा मुख्य फोकस है, जबकि हमारी पीढ़ी रेस्टोरेशन की इस प्रक्रिया को शुरू करने में मदद कर सकती है, तो दूसरी ओर, जिम्मेदारी विद्यार्थियों के कंधों पर है कि वे भावी चेंज मेकर्स बनने के लिए इन गुणधर्मां को आत्मसात करने पर काम करें। हमें बुनियादी बातों से शुरुआत करने और संसाधनों के मूल्य को समझने एवं पर्यावरणीय क्षरण के बारे में जागरूकता पैदा करने में उनकी मदद करने की आवश्यकता है।”
अन्ना कुजुर ने कहा, “हमें अपने पर्यावरण और प्रकृति से प्यार करना सीखना होगा। भूमि क्षरण और वनों की कटाई के साथ, स्थानीय जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं। इस प्रकार, पेड़ लगाने और वनों की कटाई को संबोधित करने से एक स्वस्थ वातावरण और फलस्वरूप एक स्वस्थ शरीर की दिशा में काम करने में बहुत मदद मिलेगी।”
सुरुचि बाल्डवाल ने लॉन्च इवेंट में ’जलवायु परिवर्तन और सस्टनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी)’ पर अपने सत्र में कहा कि जीवाश्म ईंधन के उपयोग को कम करने और पर्यावरण को लेकर हमारे हस्तक्षेप के साथ-साथ स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने से हमें जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी। इस प्रकार, ‘सस्टेनेबल डेवलपमेंट और 17 एसडीजी’ वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं से एक जलवायु-स्नेही मार्ग पर चलाने की उम्मीद करते हैं।”
ग्रीन स्कूल प्रोजेक्ट को औपचारिक रूप से अप्रैल 2017 में शुरू किया गया था। इस पहल का उद्देश्य झारखंड और ओडिशा में टाटा स्टील के परिचालन क्षेत्रों में विद्यार्थियों की ‘महत्वपूर्ण, अंतःविषय और समग्र’ सोच में सुधार करने में उनकी मदद करना था। प्रोजेक्ट का फोकस विद्यार्थी व शिक्षक बिरादरी के बीच जागरूकता पैदा करना और प्रकृति के साथ उनके संबंधों को बेहतर ढंग से समझने व स्थानीय स्तर पर संसाधन प्रबंधन पहल के माध्यम से इसे संरक्षित करने के लिए ठोस प्रयास करने में उन्हें सक्षम बनाना है।