
रांची। झारखंड के नई पेंशन योजना (एनपीएस) कर्मियों के लिए सरकारी अंशदान की राशि में वृद्धि करने का संकल्प वित्त विभाग के भविष्य निधि निदेशालय ने 8 जुलाई को जारी कर दिया है। मूल वेतन और मंहगाई भत्ता के योग का 14 प्रतिशत राशि निर्धारित की गई है। इसपर कैबिनेट की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। पहले यह राशि 10 फीसदी थी।
प्रधान वित्त सचिव अजय कुमार सिंह की ओर से जारी संकल्प में कहा गया है कि भारत सरकार के वित्त मंत्रालय (व्यय प्रभाग) की 12 दिसंबर, 2003 को जारी अधिसूचना के आलोक में 01 दिसंबर, 2004 के प्रभाव से झारखंड की सेवा में नियुक्त कर्मियों के लिए अंशदायी पेंशन योजना लागू किया गया है। उक्त संकल्प द्वारा 01 दिसंबर, 2004 को या उसके बार नियुक्त कर्मियों के मासिक वेतन विपत्र से मूल वेतन+अनुमान्य जीवन यापन भत्ते के योग 10 दस प्रतिशत राशि का कटौती करने और समतुल्य राशि झारखंड सरकार द्वारा अंशदान के रूप में दिये जाने का प्रावधान किया गया है। उक्त प्रावधान के आलोक में ही अंशदायी पेंशन योजना (नई पेंशन योजना-एनपीएस) के राज्य कर्मियों के मासिक वेतन से मूल वेतन+जीवन यापन भत्ता के योग का 10% राशि की कटौती कर्मी अंशदान के रूप में की जाती है। समतुल्य राशि सरकारी अंशदान के रूप में जमा की जाती है
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय (वित्तीय सेवाएं विभाग) की 31 जनवरी, 2019 की अधिसूचना द्वारा एनपीएस से आच्छादित केंद्रीय कर्मियों के लिए केंद्र सरकार का मासिक अंशदान की दर में वृद्धि की गई है। इसे कर्मी के वेतन एवं मंहगाई भत्ता के योग का 14% निर्धारित किये जाने का प्रावधान किया गया है। उक्त प्रावधान 01 अप्रैल, 2019 से प्रभावी किया गया। साथ ही, कर्मी अंशदान पूर्व की भांति वेतन एवं मंहगाई भत्ता के योग का 10% ही रखा गया है। इसपर विचार के बाद एनपीएस कर्मियों के लिए सरकारी अंशदान (नियोक्ता अंशदान) की राशि के संबंध में निर्णय लिये गये हैं।
इसके अनुसार एनपीएस कर्मियों के लिए सरकारी अंशदान (नियोक्ता अंशदान) की राशि में वृद्धि करते हुए इसे कर्मी का मासिक मूल वेतन एवं मेहगाई भत्ता के योग का 14% राशि के समतुल्य निर्धारित किया जाता है। सरकारी अंशदान की राशि नियमानुसार निकटतम पूर्ण रुपये में अभिव्यक्त की जायेगी। उक्त प्रावधान 01 जुलाई, 2021 से प्रभावी होगा। प्रस्ताव पर मंत्रिपरिषद की 29 जून, 2021 की बैठक में स्वीकृति दी गयी है।